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2018 के MP चुनाव में खाता तक नहीं खोल पाई थी AAP, इस बार उनका दावा कितना मजबूत?

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भोपाल

मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव 2023 (MP Assembly Elections 2023) को लेकर अलग-अलग दलों के बीच राजनीति चरम पर है. पांच साल पहले की तरह इस बार भी मुख्य मुकाबला कांग्रेस और आप (Aam Aadmi Party) के बीच माना जा रहा है. हालांकि, आम आदमी पार्टी इस बार पूरे दमखम के साथ चुनावी मैदान में है. दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल (Arvind Kejriwal) और पार्टी के अन्य नेता लगातार एमपी में पार्टी के पक्ष में चुनाव प्रचार कर रहे हैं. एमपी में भी आपने मुफ्त बिजली, पानी, बेहतर शिक्षा और सबको स्वास्थ्य सुविधा देने का वादा कर रही है. आप नेता शिवराज सरकार के दौरान बड़े पैमाने पर बेरोजगारी, महंगाई और कानून व्यवस्था के मसले को भी जोर शोर से उठा रही है.

230 सीटों पर चुनाव लड़ने की थी घोषणा

आम आदमी पार्टी (AAP) ने जुलाई 2023 में घोषणा की थी इस बार पार्टी प्रदेश की सभी 230 विधानसभा सीटों पर चुनाव लड़ेगी. 10 सीटों पर पार्टी की ओर से प्रत्याशियों की सूची 8 सितंबर को जारी की गई थी, लेकिन इंडिया गठबंधन अस्तित्व में आने के बाद से अभी यह स्पष्ट नहीं है कि कांग्रेस और आप बीच सीटों का बंटवारा होगा या नहीं. या फिर दोनों अलग-अलग चुनाव लड़ेंगे. आप की इस मुहिम को उस समय झटका लगा था जब 24 सितंबर 2023 को उनके 10 नेताओं ने चुनाव से ठीक पहले बीजेपी का दामन थाम लिया.  था.   

BJP को मिले थे 41.2% वोट

साल 2018 में संपन्न मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव 2018 की बात करें तो मुख्य मुकाबला कांग्रेस और बीजेपी के बीच रही थी. परिणाम भी उसी के अनुरूप आये थे. कांग्रेस को सत्ताधारी पार्टी भारतीय जानता पार्टी को लंबे अरसे बाद प्रदेश की सत्ता से बेदखल करने में सफलता मिली थी. कांग्रेस को 230 में से 114 सीटों पर जीत मिली थी और बीजेपी को 109 सीटों पर. चौंकाने वाली वाली बात है कि विगत चुनाव में बीजेपी को कांग्रेस से ज्यादा मतदाताओं का समर्थन मिला था. बीजेपी को 41.2 प्रतिशत मतदाताओं का समर्थन मिला था, जबकि कांग्रेस को 40.89 प्रतिशत मतदाताओं ने वोट किया था. बीजेपी को 1.56 करोड़ तो कांग्रेस को 1.55 करोड़ मत मिले थे.
 
5 साल पहले AAP का नहीं खुला था खाता

आम आदमी पार्टी 208 सीटों पर चुनाव लड़ी थी. उनमें से 207 पर आप के प्रत्याशियों की जमानत जब्त हुई थी. आप को कुल डाले गए मतों में सिर्फ 0.66 मत मिले थे. इस लिहाज से देखें तो आपको नोटा से भी कम वोट मिले थे. नोटा के लिए लिए प्रदेश के 1.42 प्रतिशत मतदाताओं ने वोट डाला था. 5,40,673 मतदाताओं ने नोटा का ​बटन दबाया था.

 जबकि आप को 2,53,106 वोट मिले थे. जहां तक बसपा की बात करें तो पार्टी ने 227 सीटों पर अपने प्रत्याशियों को मैदान में उतारा था. 207 प्रत्याशियों की जमानत जब हुई थी. बसपा को कुल 5.01 प्रतिशत यानी 19,11,642 मत मिले थे. इस लिहाज से विगत एमपी में संपन्न विगत विधानसभा चुनावों में बसपा तीसरी सबसे बड़ी पार्टी के रूप में उभरकर सामने आई थी.