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खुद स्कूटर में तमंचा रखकर प्लंबर को किया गिरफ्तार, बरामदगी छिपाने के आरोप में मेरठ के 3 पुलिसकर्मी निलंबित

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 मेरठ
 उत्तर प्रदेश के मेरठ जिले में पुलिस का एक अजब-गजब कारनामा सामने आया है। जहां सिपाही ने खुद ही युवक की बाइक में तमंचा रखा और फिर उसे हिरासत में ले लिया। इस मामले में एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि प्लंबर के स्कूटर से देसी पिस्तौल की बरामदगी का खुलासा करने में कथित तौर पर विफल रहने के आरोप में 3 पुलिसकर्मियों को निलंबित कर दिया गया है।

मेरठ के तीन पुलिसकर्मी निलंबित
वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक रोहित सिंह सजवाण ने कहा कि किठौर पुलिस स्टेशन में तैनात हेड कांस्टेबल चौबे सिंह, कांस्टेबल ओमवीर सिंह और कांस्टेबल (चालक) अनिल कुमार को अपने कर्तव्यों के निर्वहन में ढिलाई बरतने के आरोप में निलंबित कर दिया गया। तीनों ने गुरुवार को एक स्थानीय प्लंबर फिरोज के घर पर खड़े स्कूटर से एक देशी पिस्तौल बरामद की। सजवान ने कहा कि तीनों ने वसूली के बारे में अपने वरिष्ठ अधिकारियों को सूचित नहीं किया और न ही कानून के अनुसार प्रक्रिया अपनाई, जो उनकी ओर से कर्तव्य के निर्वहन में ढिलाई दिखाता है और पुलिस विभाग की छवि भी खराब करता है।

सिपाही ने पैसे ऐंठने के लिए उसके स्कूटर में रखी थी बंदूक: पीड़ित
फिरोज ने गुरुवार को पुलिस पर आरोप लगाया कि सिपाही ने पैसे ऐंठने के लिए उसके स्कूटर में बंदूक रखी थी। पुलिस ने सीसीटीवी की जांच की और उनके आरोप को झूठा बताया। फिरोज के मुताबिक, बुधवार रात तीन पुलिसकर्मी उनके घर के बाहर आए और उनका नाम पुकारा। वह वहां नहीं था इसलिए उसकी मां बाहर आई। पुलिसकर्मियों ने पहले उसके बारे में पूछा और फिर स्कूटर की चाबी मांगी। इसके बाद उनके मुताबिक तीनों ने स्कूटर की सीट उठाई और अंदर पिस्तौल रख दी।उन्होंने वीडियो बनाया और स्कूटर लेकर चले गए।

मेरठ पुलिस की करतूत CCTV में हुई कैद
फिरोज ने अपनी शिकायत में कहा कि पुलिसकर्मियों ने यह भी धमकी दी कि अगर वह जेल नहीं जाना चाहता तो वह उनसे आकर मिले। उन्होंने कहा कि चूंकि उन्हें डर था इसलिए उन्होंने किसी के माध्यम से तीन पुलिसकर्मियों से संपर्क किया, जिन्होंने रिश्वत में 1 लाख रुपये मांगे, और लंबाई 50,000 रुपये में तय हुई। फ़िरोज़ ने दावा किया कि उसे अपना स्कूटर तभी वापस मिला जब उसने तीनों लोगों को 50,000 रुपये का भुगतान किया। सजवाण ने कहा, सीसीटीवी फुटेज के मुताबिक, किसी पुलिसकर्मी द्वारा स्कूटर में कोई अवैध हथियार नहीं रखा गया था और न ही कोई पुलिसकर्मी स्कूटर के पास गया था। उन्होंने कहा कि पुलिसकर्मियों को पैसे देने के फिरोज के दावे की जांच चल रही है।