गोरखपुर
बेटे का घर बसने में विलेन बने बहू के मौसेरे भाइयों खुर्शीद और नदीम को जेल भिजवाने के लिए एक पिता ने गोरखपुर की महिला डॉक्टर को चिट्ठी भेजकर 20 लाख रुपये की रंगदारी मांगी थी। योजना थी कि बहू के मौसेरे भाई इस मामले में जेल चले जाएंगे तो उसके बेटे का घर बस जाएगा और बहू ससुराल आ जाएगी। बड़हलगंज पुलिस ने मऊ जिले के घोषी थानाक्षेत्र के करीमुद्दीन गांव निवासी आरोपित मो. शाहिद को गिरफ्तार कर घटना का खुलासा किया है।
एसएसपी डॉ. गौरव ग्रोवर ने बताया कि बड़हलगंज के दुर्गावती हॉस्पिटल में कार्यरत डॉ. रोली पुरवार को चिह्वी भेजकर 20 लाख रुपये रंगदारी मांगी गई थी और तीन दिन में रकम न मिलने पर हत्या की धमकी दी गई थी। चिह्वी भेजने वाले ने अपना खुर्शीद-नदीम और पता गोला बड़ी मस्जिद लिखा था। यह चिट्ठी गोला डाकघर से 25 सितम्बर को रजिस्ट्री की गई थी। नाम और पते के साथ चिट्ठी लिखकर रंगदारी मांगने की घटना में केस तो दर्ज कर लिया गया लेकिन कहानी कुछ और लग रही थी। गोला पोस्ट ऑफिस पर कैमरा न लगे होने से चिट्ठी भेजने वाले के बारे में कोई जानकारी नहीं मिल सकी।
इसके बाद रजिस्ट्री करने वाली महिला डाक कर्मचारी से पूछताछ में पता चला कि 55 साल का एक व्यक्ति रजिस्ट्री कराने आया था। पुलिस ने उसका हुलिया पता कर पोस्ट आफिस के रास्ते पर लगे कैमरों की पड़ताल शुरू की तो रजिस्ट्री कराने आए व्यक्ति की पहचान केशरी निवासी बेवरी थाना गोला के रूप में हुई।
पूछताछ में केशरी ने बताया कि वह मजदूर है और एक स्कूटी सवार व्यक्ति ने उसे लिफाफा दिया था और रजिस्ट्री के लिए 22 रुपये तथा चाय पीने के लिए 20 रुपये दिए थे। खुलासा करने वाली टीम में गोला थानेदार धीरेन्द्र राय की अहम भूमिका रही। वहीं बड़हलगंज इंस्पेक्टर कल्याण सिंह सागर, एसओजी प्रभारी मधूप नाथ मिश्र, सूरज सिंह आदि ने गिरफ्तारी में अहम भूमिका निभाई। एसएसपी ने पूरी टीम को 20 हजार रुपये का इनाम दिया है।