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भारत में अमेरिकी दूतावास ने दस लाख आव्रजन वीजा आवेदनों के निपटारे का लक्ष्य किया पार

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नई दिल्ली
 भारत में अमेरिका के मिशन ने इस वर्ष दस लाख आव्रजन वीजा आवेदनों के निपटारे के लक्ष्य को  पार कर लिया। अमेरिकी राजदूत एरिक गार्सेटी ने खुद एक दंपति को दस लाखवां वीजा सौंपा।

लेडी हार्डिंग कॉलेज में वरिष्ठ सलाहकार डॉ रंजू सिंह को अमेरिकी दूतावास से एक ईमेल प्राप्त हुआ जिसमें कहा गया कि उन्हें इस वर्ष का दस लाखवां वीजा मिला है। उनके पति पुनीत डारगन को अगला वीजा दिया गया है। दंपति को मई 2024 में अमेरिकी की यात्रा करनी है।

राजदूत गार्सेटी ने दंपति का अभिवादन ''श्रीमान एवं श्रीमती दस लाख'' कहते हुए किया। साथ ही उन्होंने दंपति की अमेरिका यात्रा के बारे में भी जानकारी हासिल की तथा उन्हें सलाह दी कि एक पर्यटक के तौर पर उन्हें क्या चीज जरूर देखनी चाहिए।

राजदूत ने कहा,'' मैं आज भारत के लिए, भारतीयों के लिए और अमेरिका के लिए इससे ज्यादा खुश नहीं हो सकता। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडन ने कहा था कि आइये, वीजा प्रक्रियाओं में तेजी लाते हुए बेहतर काम करते हैं और इसलिए यहां विदेश मंत्रालय ने हैदराबाद…आदि स्थानों में और इकाइयों को मंजूरी दी। और लोग इन वीजा पर काम कर सकते हैं। हमने अपनी प्रणाली में बदलाव किया, हमने कड़ी मेहनत की और इस वर्ष दस लाख आव्रजन वीजा आवेदनों के निपटारे का लक्ष्य पा लिया।''

उन्होंने कहा, ‘‘भारत के साथ हमारी साझेदारी अमेरिका के अहम द्विपक्षीय संबंधों में से एक है… बल्कि यह तो दुनिया के सबसे अहम संबंधों में से एक है। हमारे लोगों के बीच संबंध पहले से कहीं अधिक मजबूत हैं, हम आने वाले महीनों में अधिक से अधिक भारतीय आवेदकों को अमेरिका की यात्रा करने और अमेरिका-भारत मित्रता का प्रत्यक्ष अनुभव करने का अवसर देने के लिए वीज़ा कार्य जारी रखेंगे।''

डॉ रंजू सिंह ने कहा, ''हमारा वीजा साक्षात्कार समाप्त होने के बाद हमें ईमेल मिला कि हमें वीजा लेने आना होगा। हमें बताया गया कि हमें दस लाखवां वीजा मिला है। राजदूत ने व्यक्तिगत तौर पर हमसे मुलाकात की, यह बेहद खास पल था। हम अमेरिका जाने के लिए उत्सुक हैं, हम वहां एमआईटी में अपने बेटे के कार्यक्रम में शामिल होंगे और फिर पर्यटकों के तौर पर भ्रमण करेंगे।''

यहां अमेरिकी दूतावास की ओर से जारी एक बयान में कहा गया है कि अमेरिकी वीजा की निरंतर उच्च मांग को देखते हुए अमेरिका भारत में हमारे परिचालन में भारी निवेश जारी रखे हुए है।