अयोध्या
अयोध्या में बन रहे भव्य राममंदिर तक पहुंचने वाले जन्मभूमि पथ, रामपथ और भक्ति पथ के बाद अब भ्रमण पथ बनाए जाने की तैयारी है। ये भ्रमण पथ अब काशी की तर्ज पर सरयू नदी से राम मंदिर को जोड़ेगा। इसके बन जाने के बाद रामभक्त सरयू स्नान के बाद सीधे रामलला के दर्शन के लिए जा सकेंगे। इस योजना पर लगभग 24 करोड़ रुपए खर्च होने का अनुमान है। जिसमें शासन की तरफ से 5 करोड़ रुपए आवंटित कर दिए गए हैं। यह पथ सरयू नदी के घाटों से होते हुए राजघाट तक, राजघाट से भगवान श्रीराम के मंदिर तक बनाया जाएगा। इस पथ में हेरिटेज टाइल्स, पत्थरों की परत के साथ मार्ग की दीवारो पर भगवान राम के जीवन चरित्र के प्रसंगों को पेंटिंग के माध्यम से सजाया जाएगा। सुंदरीकरण और जीर्णोद्वार में खर्च होने वाले रुपए का अनुमान यूपी प्रॉजेक्ट्स कारपोरेशन लिमिटेड द्वारा लगाया गया है।
पर्यटन विभाग की योजना है कि श्रद्धालु और पर्यटक सरयू नदी में स्नान करने के बाद कई मार्गो से मंदिर तक पहुंच सके। इससे भीड़ का दबाव भी एक मार्ग पर कम हो जाएगा। अभी तक की योजना में राम पथ होते हुए भक्ति और जन्मभूमि पथ पर श्रद्धालु और पर्यटक जा रहे हैं। लेकिन भ्रमण पथ बन जाने के बाद सरयू नदी में स्नान करने के बाद सीधे राम जन्मभूमि परिसर तक जा सकेंगे। जानकारी के मुताबिक इसके बीच में कुछ मीटर पंचकोसी परिक्रमा मार्ग भी पड़ता है। इसलिए यहां पहले से ही चौड़ीकरण का प्रस्ताव मूर्त रूप ले रहा है।
हेरिटेज टाइल्स और स्टोन क्लैडिंग से सजाया जाएगा पथ
हेरिटेज टाइल्स को सुरूचि पूर्ण और टिकाऊ माना गया है। यह भारत के प्रमुख वास्तुकारों की पहली पसंद है। यह टाइल्स मजबूत बोर्ड लाइन और निश्चित आकार के लिए प्रसिद्ध हैं। अनोखा लुक और एक विशिष्ट क्षेत्र को उजागर करने के लिए इसका उपयोग किया जाता है। इसी के साथ पत्थरों का प्रयोग बाहरी और अंदर की दीवारों पर किया जाता है। इसके लगाने से पत्थर से ढकी मजबूत चहारदीवारी दिखाई पड़ती है।
यह दीवार को धूप, बारिश, हवा, बढ़ते और घटते तापमान के साथ प्रदूषकों से भी बचाती है। इसी के बीच- बीच मे भगवान राम के जीवन चरित्र के प्रसंग को पेंटिंग के माध्यम से चित्रित करने की भी योजना है। श्रद्धालुओं को रास्ते में भक्ति पूर्ण माहौल दिखाई दे इसके लिए रामायण काल के वृक्ष भी लगाए जाएंगे। पर्यटन अधिकारी, राजेंद्र प्रसाद यादव ने कहा कि इस मार्ग को अच्छे से अच्छा बनाए जाने की योजना है। श्रद्धालु इसके बनने के बाद कम दूरी में राम मंदिर तक जा सकेंगे। उनका कहना है कि अभी इस योजना के रूट मैप पर आर्किटेक्ट अध्ययन कर रहे हैं। जल्द ही इसकी डिजाइन आने वाली है।