रांची
झारखंड में साइबर अपराध रोकने के लिए पुलिस ने बड़ा कदम उठाया है। सीआईडी डीजी अनुराग गुप्ता ने सभी जोन के डीआईजी के साथ साइबर अपराध पर बीते दिनों समीक्षा की थी। इसके बाद उन्होंने आदेश जारी किया है कि जिलों में साइबर अपराध के दर्ज मामलों के बाद जिन मोबाइल फोन व सिम कार्ड के जरिए ठगी की गई है, उनके आईएमईआर नंबर व सिम को लॉक कराया जाएगा।
डीजी सीआईडी के आदेश के बाद अबतक राज्य भर में 500 से अधिक मोबाइल के आईएमईआर व 6000 से अधिक सिम लॉक कराए जा चुके हैं। आईएमईआर के लॉक होने से एक मोबाइल का इस्तेमाल दूसरी बार नहीं किया जा सकेगा।
सीआरपीसी 102 के तहत फ्रिज करने का आदेश राज्य में साइबर थानों व जिलों में साइबर अपराध के दर्ज मामलों में बैंक खातों को फ्रिज करने का भी निर्देश सीआईडी डीजी ने दिया है। 1930 नंबर पर शिकायत के बाद भी खातों में पैसे फ्रिज करने की कार्रवाई की जाती है। लेकिन केस अनुसंधान में आए तथ्यों के आधार पर सीआरपीसी 102 की शक्तियों का इस्तेमाल करते हुए खाते में जमा पैसा फ्रिज करने का निर्देश दिया गया है।
वहीं राज्य में साइबर अपराध के मामले मे जामताड़ा रीजन व मेवात-नूह रीजन की धरती का इस्तेमाल हो रहा है। साइबर अपराध के दर्ज मामलों की अनुसंधान व समीक्षा के दौरान यह तथ्य सामने आया है कि झारखंड में साइबर ठगी के अधिकांश मामले जामताड़ा, देवघर, गिरिडीह के इलाके के साथ-साथ हरियाणा के मेवात व नूह रीजन से सामने आ रहे हैं।