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गोम्मटगिरी में जैन समाज ने दिया धरना, गुर्जरों को गिरफ्तार करने की मांग की

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इंदौर
इंदौर में गोम्मटगिरी पर अतिक्रमण का विवाद फिर गरमा गया है। बुधवार रात में प्रशासन और नेताओं को इसके लिए बैठक करना पड़ी। जैन समाज के कुछ लोगों का कहना है कि यहां पर गुर्जर समाज अतिक्रमण कर रहा है। इसी बात को लेकर वे बुधवार दोपहर दो बजे पर्युषण पर्व छोड़ गांधीनगर थाने के सामने धरने पर बैठ गए।

 

भाजपा महासचिव कैलाश विजयवर्गीय ने विवाद को बढ़ता देख आधी रात को बैठक बुलाई। इसमें समाज के लोगों के साथ, कलेक्टर इलैया राजा टी और पुलिस अधिकारी भी मौजूद रहे। जैन समाज के लोगों का कहना था कि गोम्मटगिरी की सीमा पर गुर्जर समाज के कुछ लोग अवैध निर्माण का प्रयास कर रहे हैं। पिलर खड़े करने के लिए गड्ढे खोदकर सरिए डाले गए हैं। सूचना मिलते ही जैन समाज के लोग गोम्मटगिरी पहुंचे और पुलिस को सूचना दी। मौके पर पहुंची पुलिस ने निर्माण कार्य को रोक दिया, लेकिन जैन समाज के सैकड़ों लोग थाने पर ही धरने पर बैठ गए। उनकी मांग है कि जब तक सरिए नहीं हटाए जाते तब तक धरना जारी रहेगा। जैन समाज गुर्जर समाज के डालचंद गुर्जर की गिरफ्तारी की मांग कर रहा है।

झूठा आरोप लगा रहा जैन समाज
गुर्जर समाज के डालचंद गुर्जर ने कहा कि हम तो चारभुजानाथ यात्रा पर गए थे। एक ईंट भी नहीं लगी तो निर्माण की बात कहां से आ गई। जैन समाज झूठा आरोप लगाकर दबाव बना रहा है। वे पुलिस-प्रशासन पर भी गलत तरीके से दबाव बना रहे हैं। हम इस मामले में पुलिस-प्रशासन से मिलेंगे और जैन समाज का झूठ बेनकाब करेंगे।

क्या है मामला
गोम्मटगिरी पर जैन समाज के द्वारा भगवान बाहुबली की प्रतिमा स्थापित की गई है। वहीं पास में देव नारायण भगवान का मंदिर है जो गुर्जर समाज की आस्था का मुख्य केंद्र है। नीचे सड़क से ऊपर जैन तीर्थ तक जाने के लिए सीढ़ीदार रास्ता बना हुआ है। इसी रास्ते के पास से गुर्जर समाज देव नारायण मंदिर तक आने के लिए एक रास्ता चाहता है। पहले इस एकमात्र रास्ते से ही गुर्जर समाज के भक्त भी देवनारायण मंदिर तक आते थे

लेकिन बाद में इसे जैन समाज ने बंद कर दिया था। जैन समाज का कहना है कि रास्ते के बीच में आने वाली जमीन जैन समाज की है जो वे नहीं देना चाहते। वहीं गुर्जर समाज का कहना है कि पहाड़ी पर जैन समाज ने गलत तरीके से कब्जा किया है। यह पहाड़ी सदियों से देव नारायण टेकरी के नाम से जानी जाती थी और वहां पर देव नारायण भगवान का मंदिर लगभग 200 साल से स्थापित था। जैन समाज का मंदिर मुख्यमंत्री अर्जुन सिंह के शासनकाल में बना और इसके बाद पहाड़ी का नाम भी बदलकर गोम्मटगिरी कर दिया गया। विवाद के बाद प्रशासन ने यहां पर जैन और गुर्जर समाज द्वारा करवाए जा रहे निर्माण कार्य को रुकवा दिया है। दोनों ही पक्षों ने मामला हाईकोर्ट में लगा रखा है।