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अमेरिका में ‘निर्दोष’ ने 28 साल गुजारे जेल में, जज ने किया रिहा, मांगी माफी

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हिंदुओं के संवैधानिक अधिकार के उल्लंघन के आरोप में कैलिफोर्निया विभाग के खिलाफ मुकदमा दायर

वाशिंगटन
 अमेरिका में एक हिंदू संगठन ने कैलिफोर्निया नागरिक अधिकार विभाग (सीआरडी) के खिलाफ मुकदमा दायर किया है, जिसमें आरोप लगाया गया है कि विभाग ने राज्य में रहने वाले हिंदुओं के कई संवैधानिक अधिकारों का उल्लंघन किया है।

'हिंदू अमेरिकन फाउंडेशन' (एचएएफ) और अन्य द्वारा दायर संशोधित शिकायत में आरोप लगाया गया है कि विभाग ने यह गलत कहा है कि जाति व्यवस्था और जाति-आधारित भेदभाव हिंदू उपदेशों और प्रथाओं का अभिन्न अंग हैं और ऐसा करके विभाग ने कैलिफोर्निया में हिंदुओं के अधिकारों का उल्लंघन किया है।

इस मुकदमे में एचएएफ के साथ वादी के रूप में कैलिफोर्निया स्थित एचएएफ टीम के कई सदस्य और अंतरधार्मिक नेता दिलीप अमीन भी शामिल हैं।

मीडिया को जारी एक बयान के अनुसार, हिंदू धर्म और भारतीयों के बारे में सीआरडी के ''असंवैधानिक और गलत'' बयानों से सीधे नुकसान का दावा करने वाले तीन अन्य वादी (सभी भारतीय मूल के हिंदू) भी मुकदमे में शामिल हैं।

अमेरिका में 'निर्दोष' ने 28 साल गुजारे जेल में, जज ने किया रिहा, मांगी माफी

लॉस एंजिलिस
 अमेरिका के कैलिफोर्निया में गेरार्डो कैबनिलास ने 28 साल जेल की सजा काटी। अब कहीं जाकर यह साबित हुआ कि वह निर्दोष है। इसके बाद लॉस एंजिलिस काउंटी ने उसे स्थायी तौर पर रिहा कर दिया। इस व्यक्ति के ऊपर 30 साल पहले अपहरण, डकैती और दुष्कर्म के आरोप लगे थे।

मीडिया रिपोर्ट्स में काउंटी डिस्ट्रिक्ट अटॉर्नी ऑफिस के बयान के हवाले से कहा गया है कि डीएनए टेस्ट ने साल 1995 में साउथ गेट शहर में एक खड़ी कार में बैठे एक कपल पर हुए हमले में आरोपित गेरार्डो कैबनिलास को दोषमुक्त करने में मदद की। डिस्ट्रिक्ट अटॉर्नी से संबंधित कनविक्शन इंटीग्रिटी यूनिट ने इस मामले की दोबारा जांच की। इसके बाद पिछले हफ्ते जज ने गेरार्डो कैबनिलास की सजा को पलट दिया और उसे निर्दोष पाया पाते हुए उसकी स्थायी रिहाई का आदेश दिया।

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक अटॉर्नी जज जॉर्ज गैस्कॉन ने कहा कि वह न्याय और आपराधिक कानूनी प्रणाली की विफलता के लिए गेरार्डो कैबनिलास से माफी मांगते हैं। उल्लेखनीय है कि गेरार्डो कैबनिलास को साल 1996 में कोर्ट ने दोषी ठहराया था और इसके बाद उन्हें जेल भेज दिया गया। दरअसल पीड़ित कपल ने दूसरी बार हुई जांच में अदालत में स्वीकार किया कि शिनाख्त के लिए उनके ऊपर कैबनिलास की फोटो पर मुहर लगाने का दबाव डाला गया।

रिपोर्ट्स में कहा गया है कि बलात्कार किट पर किए गए डीएनए टेस्ट से पता चला कि इसमें गेरार्डो कैबनिलास शामिल नहीं था। इनोसेंस प्रोजेक्ट ने कहा कि इस मामले में किसी अन्य संदिग्ध को कभी गिरफ्तार नहीं किया गया, हालांकि एक अन्य व्यक्ति ने बाद में यह अपराध कुबूल किया था।