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BJP प्रदेश में अभी और लेगी कड़े फैसले, अब विधायकों का टिकट काटने की तैयारी

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भोपाल
मध्य प्रदेश विधानसभा चुनावों में भाजपा नेतृत्व बड़े चेहरों पर दांव लगाने के साथ बदलाव की भी तैयारी में है। हारी हुई सीटों पर दिग्गज नेताओं को उतारने के बाद पार्टी अब जीती हुई सीटों पर कई बदलाव कर सकती है। पार्टी की रणनीति सभी क्षेत्रों को साधने की है। पार्टी को अभी 151 सीटों के लिए उम्मीदवार तय करने हैं, जिनमें वह सत्ता विरोधी माहौल की काट के लिए मौजूदा विधायकों को लेकर बड़ा और कड़ा फैसला ले सकती है।

कई नए प्रयोग सामने आ रहे
मध्य प्रदेश में विधानसभा चुनावों को लेकर भाजपा नेतृत्व के फैसले चौकाने वाले हैं। पार्टी के कई नए प्रयोग सामने आ रहे हैं। उसने चुनावों की घोषणा के काफी पहले ही उम्मीदवारों की पहली सूची जारी कर दी। इसके बाद दूसरी और तीसरी सूची में भी हारी हुई सीटों पर ही ज्यादा ध्यान दिया गया है। दरअसल, पार्टी हारी हुई सीटों को जीत में बदलकर अपनी पकड़ बरकरार रखने पर ज्यादा जोर दे रही है। अभी तक तीन सूचियों में घोषित 79 में से 76 सीटें हारी हुईं थीं।

महाकौशल में कमलनाथ को घेरने की तैयारी
भाजपा ने बड़े नेताओं को रणनीति के हिसाब से चुनाव मैदान में उतारा है। इनमें महाकौशल क्षेत्र को लेकर वह काफी मेहनत करती भी दिखी। यह क्षेत्र कांग्रेस के पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ का क्षेत्र है। वह इस बार भी मुख्यमंत्री पद के चेहरे हैं। ऐसे में दो केंद्रीय मंत्रियों एवं दो सांसदों को इस क्षेत्र से उतारा है। केंद्रीय मंत्री फगन सिंह कुलस्ते निवास से और प्रह्लाद सिंह पटेल नरसिंहपुर से चुनाव लड़ेंगे। सांसद राकेश सिंह को जबलपुर पश्चिम से और उदय प्रताप सिंह को गाडरवारा से लड़ाया जा रहा है।

अमरवाड़ा से मोनिका बट्टी को उतारा
छिंदवाड़ा की अमरवाड़ा सीट से पार्टी ने भारतीय गोंडवाना पार्टी से आई मोनिका बट्टी को उतारा है। मोनिका पार्टी के संस्थापक रहे स्वर्गीय मनमोहन शाह बट्टी की बेटी है। हालांकि, भारतीय गोंडवाना पार्टी ने अपना नया अध्यक्ष चुना हुआ है। उसने मोनिका बट्टी से दूरी बना ली है, लेकिन इस क्षेत्र में बट्टी का काफी असर है।

जीती हुईं सीटों पर 40 फीसदी चेहरे बदलने की तैयारी
सूत्रों के अनुसार, पार्टी नेतृत्व जीती हुई सीटों को लेकर भी काफी मेहनत कर रहा है। सत्ता विरोधी माहौल की काट के लिए पार्टी कई मंत्रियों और विधायकों के टिकट काट सकती है। संकेत हैं कि लगभग चालीस फीसदी चेहरे बदले जाएंगे। इसमें प्रदेश सरकार के लगभग आधे मंत्री भी प्रभावित हो सकते हैं। जल्द होने वाली केंद्रीय चुनाव समिति की बैठक में पार्टी बाकी बची 151 सीटों के लिए भी उम्मीदवार तय कर सकती है।