इस्लामाबाद
पाकिस्तान की सरकार और तालिबान के बीच तहरीक-ए-तालिबान आतंकियों को लेकर तनाव अब और गहराता जा रहा है। अफगान सीमा पर गोलीबारी के बाद पाकिस्तान लगातार सख्त तेवर अपना रहा है। पाकिस्तान की सेना ने तोर्खम सीमा को बंद करके कड़ा संदेश देने के बाद अब अफगानिस्तान से आए शरणार्थियों के खिलाफ बड़ा ऐक्शन लेने जा रही है। सेना के इशारे पर काम करने वाली पाकिस्तान की सरकार ने फैसला किया कि अफगानिस्तान से आए 11 लाख अफगान शरणार्थियों को वापस भेजा जाएगा। इसे पाकिस्तान की नीति में बहुत बड़ा बदलाव माना जा रहा है।
पाकिस्तान के आधिकारिक सूत्रों ने एक्सप्रेस ट्रिब्यून अखबार से कहा कि केयर टेकर सरकार ने अफगानिस्तान से आए 11 लाख शरणार्थियों को वापस भेजने को मंजूरी दे दी है। पाकिस्तान का दावा है कि ये अफगानी अवैध रूप से उनके देश में रह रहे हैं। इस बीच अभी सरकार ने इस पूरे मामले की आधिकारिक पुष्टि नहीं की है। आधिकारिक सूत्रों ने कहा कि अफगानिस्तान में अगस्त 2021 में तालिबान सरकार के आने के बाद 4 लाख अफगानी पाकिस्तान में अवैध रूप से घुसे हैं।
पाकिस्तान के खिलाफ भड़क सकता है तालिबान
सूत्रों ने कहा कि 7 लाख ऐसे अफगानियों की पहचान हुई है जो देश में अवैध रूप से रह रहे हैं। पाकिस्तानी कैबिनेट ने इन अफगानों को वापस भेजने के लिए अधिकारियों को व्यवस्था करने का आदेश दिया है। सूत्रों ने कहा कि इन 11 लाख अफगानी शरणार्थियों के पास न तो वीजा है और न ही पाकिस्तान में रुकने के लिए वैध दस्तावेज हैं। अफगानिस्तान की तालिबान सरकार को पाकिस्तान के इस फैसले के बारे में बता दिया गया है। पाकिस्तान ने अफगान शरणार्थियों के खिलाफ यह ऐक्शन ऐसे समय पर उठाया है जब टीटीपी आतंकियों को लेकर तालिबान के साथ उनका तनाव अपने चरम पर है।
पाकिस्तान के कई बार धमकी देने के बाद भी तालिबानी सरकार टीटीपी आतंकियों के खिलाफ कार्रवाई नहीं कर रही है। तालिबानी बार-बार पाकिस्तान से केवल कार्रवाई का वादा कर रहे हैं लेकिन कोई भी ऐक्शन नहीं ले रहे हैं। पाकिस्तान के इस कदम के बाद अब तालिबानी सरकार भी जवाबी कार्रवाई कर सकती है। यही नहीं संयुक्त राष्ट्र भी पाकिस्तान पर भड़क सकता है। पाकिस्तानी सेना के खिलाफ टीटीपी ने अपने हमले तेज कर दिए हैं। हाल ही में पाकिस्तान के चित्राल जिले के काफी इलाके पर टीटीपी ने कब्जा कर लिया था। बताया जा रहा है कि वे अभी भी पहाड़ी चोटियों पर बैठे हुए हैं। वे पाकिस्तानी सेना पर लगातार हमले भी कर रहे हैं।