नई दिल्ली
उद्योगपति निखिल साहनी ने कहा है कि वैश्विक अर्थव्यवस्था में गिरावट के बीच भारत वृद्धि दर्ज कर रहा है और देश 'मनोवैज्ञानिक रूप से महत्वपूर्ण' 5,000 अरब डॉलर की अर्थव्यवस्था का दर्जा हासिल करने के करीब है। सरकार ने आगामी वर्षों में भारत को 5,000 अरब डॉलर की अर्थव्यवस्था बनाने का महत्वाकांक्षी लक्ष्य रखा है।
त्रिवेणी टर्बाइन के वाइस चेयरमैन और प्रबंध निदेशक साहनी ने यहां अखिल भारतीय प्रबंधन संघ (एआईएमए) के एक सत्र को संबोधित करते हुए कहा, ''यह भारत की सदी है और आंकड़े देश के लिए एक शानदार भविष्य की ओर इशारा करते हैं।''
उन्होंने कहा कि भारत के पास एक अरब उपभोक्ताओं का मजबूत आधार है और देश पहले ही दुनिया की पांचवीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन चुका है और जल्द तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनने की राह पर है। उन्होंने कहा, ''भारत का सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) 4,000 अरब अमेरिकी डॉलर के करीब है। जल्द भारत 5,000 अरब डॉलर की अर्थव्यवस्था बनेगा। भारत की डिजिटल अर्थव्यवस्था 2026 तक 1,000 अरब डॉलर की होगी।''
साहनी एआईएमए के वरिष्ठ उपाध्यक्ष भी हैं। उन्होंने कहा कि ऐसे समय जबकि वैश्विक अर्थव्यवस्था नीचे आ रही है, भारत 6.5 प्रतिशत वृद्धि दर्ज करने के लिए तैयार है। उन्होंने उद्योग जगत के लोगों से 'बड़ा सोचने और बड़े सपने देखने' को कहा। साहनी ने कहा, ''यह हमारी उम्मीदों और प्रदर्शन को बढ़ाने का समय है। यह भारत को सर्वश्रेष्ठ देशों में से एक बनाने और भारतीयों को दुनिया के सबसे अच्छे लोगों में से एक बनाने के लिए सब कुछ एक साथ लाने का समय है।''
उन्होंने कहा कि आज आर्थिक और भू-राजनीतिक संकट के बीच दुनिया उम्मीद के साथ भारत की ओर देख रही है। उन्होंने कहा कि आने वाले दशक और उससे आगे सात प्रतिशत की औसत आर्थिक वृद्धि दर की संभावना के साथ भारत वैश्विक अर्थव्यवस्था के लिए मांग और आपूर्ति दोनों में प्रमुख भूमिका निभाएगा।'' साहनी ने कहा कि भू-राजनीतिक तनाव के बीच आज भारत को एक सुरक्षित स्थल के रूप में देखा जा रहा है। आज दुनिया प्रतिस्पर्धी, विश्वसनीय और भरोसेमंद आपूर्ति के लिए भारत के पास आ रही है।