बच्चों में अप्लाई द माइंड पर जाना होगा जिससे समग्र वैज्ञानिक विकास हो सके : मंत्री सखलेचा
विज्ञान अनुप्रयोग आधारित क्षमता निर्माण पर हुई कार्यशाला
भोपाल
विज्ञान एवम प्रौद्योगिकी मंत्री ओमप्रकाश सखलेचा ने कहा है कि विद्यार्थियों में फॉलो द इंस्ट्रक्शंस को हटाकर अप्लाई द माइंड पर जाना होगा जिससे उनका वैज्ञानिक संपूर्ण विकास और समझ को क्रियान्वित कर सके। मंगलवार को सखलेचा मेपकास्ट साइंस सेंटर के उद्घाटन के बाद समारोह को संबोधित कर रहे थे।
मंत्री सखलेचा ने कहा कि मेपकास्ट का मूल कार्य विज्ञान के प्रति आम जनमानस में रूचि बढ़ाना है और इस साइंस सेंटर के माध्यम से उनका यह कार्य फलीभूत होता प्रतीत होता है । उन्होंने इस अवसर पर समस्त वैज्ञानिकों और विभाग को बधाई भी दी। उन्होंने कहा कि हमारा पूरा धर्म विज्ञान आधारित है। हर प्राकृतिक घटना के पीछे एक विज्ञान होता है और इस विज्ञान के बारे में हर बच्चे को जानना चाहिए। उन्होंने कहा कि भारतीय परंपरा में खिलौनों का बहुत महत्व है और इन खिलौनों के माध्यम से ही सीखते हुए हमने विज्ञान को जाना है। भारतीय शिक्षा पद्धति भी प्रायोगिक विज्ञान पर आधारित रही है। विज्ञान ही हमें आत्मनिर्भर भारत की ओर ले जा रहा है। उन्होंने कहा कि विज्ञान जटिल है लेकिन इसे आसानी से समझने के लिए प्रायोगिक विज्ञान की ओर जाना बहुत आवश्यक है और यह विज्ञान केंद्र इसी बात को ध्यान में रखते हुए बनाया गया है।
उल्लेखनीय है कि विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग के अंतर्गत मध्यप्रदेश विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी परिषद ने इस साइंस सेंटर की स्थापना आईआईटी गांधीनगर एवं आईआईटी इंदौर के सहयोग से है।
साइंस सेंटर के अंतर्गत विज्ञान, तकनीकी, गणित और प्रौद्योगिकी आधारित कार्यशाला एवं शो के साथ-साथ प्रतिदिन सहभागीय विज्ञान आधारित कैपेसिटी बिल्डिंग अन्य कार्यक्रम शिक्षकों एवं विद्यार्थियों के लिए आयोजित किए जाएंगे।
मेपकास्ट के महानिदेशक डॉ अनिल कोठारी ने कहा कि क्रिएटिव लर्निंग सेंटर के माध्यम से मेपकास्ट में साइंस सेंटर आज की आवश्यकता के अनुरूप डू इट योरसेल्फ के साथ-साथ अभिरुचि एवं भविष्य के वैज्ञानिक पैदा करने के उद्देश्य से बनाया गया है। यह बच्चों में न केवल तार्किक एवं रीजनिंग को बढ़ाएगा बल्कि विज्ञान टूरिज्म को बढ़ाने में भी यह महत्वपूर्ण योगदान देगा। इस केंद्र के माध्यम से छात्रों एवं शिक्षकों के लिए कैपेसिटी बिल्डिंग प्रोग्राम चला सकेंगे, आमजन के लिए रोज वैज्ञानिक शो होंगे, साइंटिफिक ओरिएंटेशन होगा, विभिन्न वैज्ञानिक गैलरी का निर्माण होगा और यह सब निशुल्क होगा।
कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे मध्य विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग के प्रमुख सचिव निकुंज श्रीवास्तव ने मेपकास्ट एवं आईआईटी गांधीनगर को बधाई देते हुए कहा कि दिसंबर 2022 में किया गया अनुबंध साकार हुआ। इस विज्ञान केंद्र के माध्यम से हम विज्ञान को रोचक कैसे बनाएं इस पर कार्य करेंगे। इस केंद्र के माध्यम से शिक्षा विभाग एवं ट्राइबल विभाग को भी जोड़ा जाएगा ताकि वहां के शिक्षक एवं छात्र इस साइंस सेंटर का पूरा फायदा उठाएं और भविष्य के गणितज्ञ एवं वैज्ञानिक यही से बने।
कार्यक्रम को आईआईआईटी के निदेशक डॉ. आशुतोष, राजीव गांधी प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय भोपाल के कुलपति डॉ. सुनील गुप्ता ने भी संबोधित किया। आईआईटी गांधीनगर के क्रिएटिव लर्निंग सेंटर द्वारा शोधार्थियों, विज्ञान शिक्षकों, प्राध्यापकों के लिए स्टेम (साइंस,टेक्नोलॉजी, इंजीनियरिंग, मैथ्स) आधारित क्षमता निर्माण कार्यशाला भी आयोजित की गई। इस कार्यशाला में आईआईटी गांधीनगर के क्रिएटिव लर्निंग सेंटर के प्रमुख प्रोफेसर मनीष जैन एवं उनकी टीम द्वारा विभिन्न स्टेम प्रयोग बताये गए। राज्य शिक्षा केंद्र के निदेशक एस. धनुराजू, जनजातीय कार्य विभाग के आयुक्त संजीव सिंह सहित परिषद के वैज्ञानिक, भोपाल के विभिन्न संस्थानों के प्राध्यापक, शोधकर्ता, शिक्षक एवं छात्र उपस्थित थे।