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सरकारी स्कूलों में होम डिलिवरी आॅफ ऐडमिशन की योजना लागू होने जा रही

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नई दिल्ली। दिल्ली सरकार सरकारी स्कूलों में ऐडमिशन को लेकर जल्द एक नया प्रयोग करने जा रही है। होम डिलिवरी आॅफ सर्विसेस की तरह होम डिलिवरी आॅफ ऐडमिशन की योजना है। डेप्युटी सीएम और एजुकेशन मिनिस्टर मनीष सिसोदिया ने होम डिलिवरी आॅफ ऐडमिशन योजना को लेकर एजुकेशन सेक्रटरी को निर्देश भी दिए हैं। पायलट प्रॉजेक्ट के तौर पर 15 से 20 सरकारी स्कूलों में यह किया जाएगा। स्कूल मैनेजमेंट कमिटी एसएमसी के मेंबर्स खुद बच्चों के घर पर जाएंगे और ऐडमिशन को लेकर डॉक्युमेंट चेक से लेकर दूसरी औपचारिकताएं पूरी करेंगे। पैरंट्स को ऐडमिशन के लिए चक्कर नहीं लगाने पड़ेंगे और घर पर बैठे-बैठे ही ऐडमिशन कन्फर्म हो जाएगा। सिसोदिया ने एजुकेशन सेक्रटरी को लिखे नोट में होम डिलिवरी आॅफ ऐडमिशन योजना का पूरा खाका बताया है। सिसोदिया ने कहा है कि राइट टु एजुकेशन ऐक्ट के मुताबिक राज्य सरकारों को बच्चों के ऐडमिशन से लेकर ऐडमिशन प्रक्रिया की निगरानी करनी होती है। ऐडमिशन की निगरानी को लेकर ही यह ऐक्शन प्लान तैयार किया गया है। मौजूदा सत्र से ही 15 से 20 स्कूलों में यह योजना शुरू हो जाएगी। योजना में स्कूल की एसएमसी को शामिल किया जाएगा। योजना में शामिल किए जाने वाले स्कूलों में बच्चों के ऐप्लिकेशन फॉर्म के आधार पर लॉटरी सिस्टम से कैंडिडेट्स की लिस्ट तैयार हो जाएगी। फॉर्म में दिए गए पते पर एसएमसी मेंबर्स की टीमें जाएगी। हर टीम में दो मेंबर्स होंगे। मेंबर्स पैरंट्स से मिलेंगे और जरूरी डॉक्युमेंट की फोटोकॉपी भी घर पर पैरंट्स देंगे। जानकारी कन्फर्म होने के बाद बच्चे के ऐडमिशन की स्लिप और किट सौंप दी जाएगी। अगर पैरंट्स दिए गए पते पर नहीं मिलते या डॉक्युमेंट पूरे नहीं पाए जाते तो एसएमसी टीम एक बार फिर से घर पर विजिट करेगी। पैरंट्स अगर उस पते पर रहते हैं तो ऐडमिशन कन्फर्म कर दिया जाएगा। एसएमसी मेंबर्स ऐडमिशन के डॉक्युमेंट को स्कूल के प्रिंसिपल को सौंप देंगे फिर स्कूल ऐडमिशन कन्फर्म कर देगा। शिक्षा विभाग ने एक प्रपोजल तैयार किया था। इसके मुताबिक सरकारी स्कूल में ऐडमिशन के लिए जो क्राइटेरिया है, उसमें दिल्ली का निवासी होना भी एक शर्त है। डेप्युटी सीएम भी इस प्रस्ताव से सहमत है। उन्होंने एजुकेशन सेक्रटरी को लिखा है कि पड़ोसी राज्यों की शिक्षा के प्रति ढुलमुल रवैये के चलते ही दिल्ली के आसपास रहने वाले स्टूडेंट्स भी यहां के स्कूलों में ऐडमिशन लेना चाहते हैं ।