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रिपोर्ट में दावा- जी20 सम्मेलन के दौरान भी जो बाइडेन ने पीएम मोदी के सामने उठाया निज्जर की हत्या का मुद्दा

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 नई दिल्ली

खालिस्तानी आतंकी हरदीप सिंह निज्जर की हत्या की वजह से भारत और कनाडा के संबंधों मे खटास आ गई है। इस मामले को लेकर अमेरिका, यूके और ऑस्ट्रेलिया ने प्रतिक्रियाएं दी हैं। अब एक रिपोर्ट में यह भी दावा किया गया है कि जी20 सम्मेलन के दौरान अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन ने पीएम मोदी से निज्जर की हत्या के मामले पर बात की थी। फाइनेंशियल टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक यूएस, यूके, कनाडा, ऑस्ट्रेलिया और न्यूजीलैंड ने निज्जर की हत्या का मामला पीएम मोदी के सामने उठाया।

रिपोर्ट में कहा गया है, बताया गया कि बाइडेन को लगता था कि भारतीय समकक्ष के सामने यह मुद्दा उठाना जरूरी है। हालांकि वाइट हाउस ने इस मामले में कोई भी टिप्पणी करने से इनकार किया है। मामले के जानकार दो लोगों ने दावा किया कि कनाडा के बार-बार अनुरोध करने पर उसके सहयोगियों ने पीएम मोदी के साथ मुद्दे पर बात की। बता दें कि राष्ट्रपति जो बाइडेन और पीएम मोदी की मुलाकात के बाद इस मामले में कोई भी आधिकारी बात नहीं कही गई थी।

प्रधानमंत्री मोदी ने 2024 के गणतंत्र दिवस समारोह में चीफ गेस्ट के रूप में जो बाइडेन को आमंत्रित किया है। बुधवार को अमेरिकी राजदूत एरिक गारसेती ने इसकी पुष्टि की थी। वहीं जी20 सम्मेलन से पहले भी भारत और अमेरिका  के बीच आपसी सहयोग और संबंधों को लेकर काफी गर्मजोशी देखी गई। पीएम मोदी और जो बाइडेन के साझा बयान में कहा गया था कि दोनों देशों के संबंध धरती से आसमान तक मजबूत होंगे। दोनों देशों में स्पेस रिसर्च से लेकर व्यापार और न्यूक्लियर रिएक्टर तक के मामलों पर सहमति बनी थी।

18 सितंबर को कनाडा की संसद हाउस ऑफ कॉमन्स में प्रदानमंत्री जस्टिन ट्रूडो ने भारत पर निज्जर की हत्या करवाने के आरोप लगा दिए। इसके बाद भारत ने इन आरोपों को सिरे से खारिज करते हुए बेतुका और मनगढ़ंत बताया। भारत ने कहा कि ओटावा खालिस्तानी आतंकियों को पनाह दे रहा है और भारत के खिलाफ साजिश करने वालों के लिए सेफ हैवन बना हुआ है। वहीं भारत की तरफ से यह भी कहा गया कि अगर सबूत दिए जाते हैं तो भारत इस मामले को देखेगा।

भारत और कनाडा के बीच तनातनी के दौरान ही न्यूयॉर्क टाइम्स ने दावा किया कि निज्जर की हत्या के बाद अमेरिका ने कनाडा को खुफिया जानकारियां दी थीं। तब से कई अमेरिकी अधिकारी इस मामले को लेकर प्रतिक्रिया दे चुके हैं। एक तरफ वे भारत से सहयोग की बात करते हैं तो वहीं कनाडा से भी मामले को नरम बनाए रखने को कहते हैं।