चतरा
लावालौंग के कई व्यवसायी पांकी साप्ताहिक खरीद-बिक्री करने उक्त पथ से ही जाते हैं. उक्त पथ वन्य प्राणी अश्रायणी क्षेत्र होने के कारण एनओसी मिलने में विभाग को काफी परेशानी हो रही हैं. वन विभाग से एनओसी नहीं मिलने के कारण आजतक सड़क का निर्माण नहीं हो पाया हैं. वर्ष 2020 में उक्त पथ का ग्रामीण कार्य विभाग चतरा से 35 किमी सड़क 25 करोड़ की लागत से टेंडर किया गया था. एनओसी नहीं मिलने के कारण आजतक कार्य प्रारंभ नहीं हो पायी हैं.
संवेदक को टर्निमेट कर दिया गया हैं. प्रखंड के मंधनिया, सोलमा, हरनाही, रिमी, रामपुर, टिकदा, हुटरू, जलमा, टिकुलिया, सिलदाग, नावाडीह, घिरनिया समेत कई गांव के लोगो को आवागमन करने में दिक्कत हो रही हैं. उक्त पथ को 15 साल पूर्व लावालौंग से गड़ियानी मोड़ तक पक्कीकरण किया गया था. वन विभाग ने मुकदमा दर्ज किया था. जिसके कारण इस बार सड़क निर्माण से पूर्व एनओसी की प्रक्रिया की जा रही हैं.