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बच्चों और महिलाओं को ट्रैफिकिंग में फसने से बचाने, गांवों में चलेगा 100 दिन का अभियान

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रांची
झारखंड के बच्चों और महिलाओं को ट्रैफिकिंग, बाल श्रम, बाल विवाह और शोषण से बचाने के लिए झारखंड राज्य विधिक सेवा प्राधिकार (झालसा) 100 दिनों का विशेष अभियान चला रहा है। यह अभियान राज्य के 30 हजार से अधिक गांवों में चलाया जाएगा। बता दें हाल ही में इस अभियान की शुरुआत सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस और राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकार के कार्यकारी अध्यक्ष जस्टिस संजय किशन कौल ने की थी।

अभियान चलाने के लिए उन इलाकों का चयन किया गया है, जहां बाल तस्करी के मामले अधिक होते हैं। उन इलाकों के बच्चों और महिलाओं को जागरूक किया जाएगा, ताकि वे तस्करी का शिकार न हो सकें। ऐसे बच्चों की शिक्षा, पोषण और अन्य विकास की जरूरत को जिला स्तरीय बाल संरक्षण यूनिट और जिला बाल कल्याण समिति के माध्यम से पूरा किया जाएगा। इसमें ग्राम स्तरीय बाल सुरक्षा कमेटी और कैलाश सत्यार्थी फाउंडेशन का सहयोग लिया जाएगा।

जेलों में भी चलेगा अभियान

100 दिनों तक चलने वाले इस अभियान में राज्य की जेलों को भी शामिल किया गया है। ऐसे लोगों की पहचान की जाएगी, जिन्हें जमानत तो मिली है, लेकिन वह बाहर नहीं आ सके हैं। सजा मिलने के बाद अपील नहीं करने वालों की पहचान कर कानून के तहत उन्हें सहायता दी जाएगी। चार चरणों में चलने वाले इस अभियान में हर चरण में एक बार जेल में बंद जरूरतमंद कैदियों को कानूनी सहायता दी जाएगी। ऑबजर्वेशन होम में भी तीन साल से बंद किशोरों की पहचान कर उन्हें मदद दी जाएगी।

महिलाओं-बच्चों की स्वास्थ्य सेवा के लिए ऐप लांच होगा

महिलाओं और बच्चों को स्वास्थ्य सेवाओं का लाभ देने और जागरूक करने के लिए झालसा एक ऐप तैयार कर रहा है। इस एप के माध्यम से ग्रामीण क्षेत्र की महिलाएं अपने स्वास्थ्य संबंधी और महिला रोग की जानकारी दे सकती हैं। इसके बाद महिलाओं को जरूरी चिकित्सकीय सलाह दी जाएगी और स्वास्थ्य योजनाओं का लाभ भी दिलाया जाएगा। इसमें महिलाओं के नाम और अन्य जानकारी गोपनीय रहेगी और इसे सार्वजनिक नहीं किया जाएगा, ताकि महिलाएं और किशोरी बिना संकोच इस ऐप का इस्तेमाल कर सकें और अपनी समस्याएं बता हल प्राप्त कर सकें।

महिलाओं को विभिन्न योजनाओं के लाभ से जोड़ा जाएगा

महिला सशक्तीकरण के लिए घरेलू प्रताड़ना, यौन अपराधों और कार्यस्थल पर यौन प्रताड़ना और ट्रैफिकिंग के प्रति जागरूक किया जाएगा। सरकार की विभिन्न योजनाओं और नीतियों से भी महिलाओं को जोड़ा जाएगा।