नई दिल्ली
दिल्ली के मुख्यमंत्री आवास में निर्माण मामले में कथित अनियमितताओं को लेकर लोक निर्माण विभाग के सात अभियंताओं पर जल्द गाज गिर सकती है। दिल्ली हाईकोर्ट द्वारा इस मामले में अभियंताओं की याचिका का निपटारा कर दिए जाने के बाद अब इनके खिलाफ कार्रवाई का रास्ता साफ हो गया है।
NCCSA की सिफारिश पर CPWD करेगा कार्रवाई
दिल्ली सरकार के सूत्रों की मानें तो अब जल्द ही यह मामला राष्ट्रीय राजधानी सिविल सेवा प्राधिकरण (एनसीसीएसए) की बैठक में आ सकता है।
कार्रवाई की योजना के अनुसार, एनसीसीएसए की बैठक में यह मामला लाकर इस बारे में प्रस्ताव पास किया जाएगा। जिसे एलजी के पास अनुमति के लिए भेजा जाएगा। एलजी अनुमति देते हैं तो इसे बगैर देर किए केंद्र सरकार के पास भेजा जाएगा। ये सभी अभियंता केंद्रीय लोक निर्माण विभाग के हैं ऐसे में एनसीसीएसए के की सिफारिश पर सीपीडब्ल्यूडी कार्रवाई करेगा।
जानकारों का यह भी कहना है कि अगर एनसीसीएसए की बैठक बुलाने में समय लगता है ताे दिल्ली सरकार अदालती हस्तक्षेप हट जाने की जानकारी भी केंद्रीय लोक निर्माण विभाग भेज सकती है और उनसे कार्रवाई के लिए आग्रह कर सकती है।
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ज्यादातर अधिकारियों पर लगे हैं आरोप
इस मामले में दिल्ली सरकार का सतर्कता विभाग सीपीडब्ल्यूडी को पहले ही रिपोर्ट भेजी जा चुकी है, जिसमें अधिकतर अभियंताओं पर जांच में अनियमितताओं के कई कई आरोप लगाए गए हैं।
दिल्ली सरकार के जुड़े एक अधिकारी कहते हैं कि अब यह बात तो स्पष्ट हो चुका है कि निर्माण मामले में अनियमितता हुई है इसलिए कार्रवाई न होने का सवाल ही नहीें है।मगर अदालत के चलते कार्रवाई रुक गई थी जो अब आगे बढ़ेगी।इसी के चलते एनसीसीएसए की पिछली बैठक में एजेंडा में होने के बाद भी इस मुद्दे पर चर्चा नहीं हो सकी थी।
अभियंता ने सतर्कता विभाग को नहीं दिया जवाब
बता दें कि दिल्ली सरकार के सतर्कता विभाग ने मुख्यमंत्री आवास में हुए निर्माण (रिनोवेशन) मामले में कथित अनियमितताओं के मामले में गत 19 जून को लोक निर्माण विभाग (पीडब्ल्यूडी) के सात अभियंताओं को कारण बताओ नोटिस जारी किया था।