जबलपुर
जबलपुर हाई कोर्ट ने मामले पर फैसला सुनाते हुए ना सिर्फ जिला दंडाधिकारी सिवनी और संभाग कमिश्नर के जिलाबदर आदेश को निरस्त किया है बल्कि सिवनी कलेक्टर और जबलपुर संभाग आयुक्त के आदेश को मनमाना भी पाया है। इस मामले में सरकार पर 25,000 रुपए का जुर्माना भी लगाया है। कोर्ट ने कहा है कि 15 दिन के भीतर यह जुर्माना राशि अदा की जाए।
संभाग आयुक्त के पास की अपील
सिवनी निवासी लक्ष्मण सनोदिया की ओर से हाईकोर्ट में याचिका दायर कर बताया गया कि जिला दंडाधिकारी सिवनी ने याचिकाकर्ता के खिलाफ जिलाबदर का आदेश जारी किया था। साथ ही उसे सिवनी की सीमा से बढ़कर छिंदवाड़ा, बालाघाट, मंडला, जबलपुर और नरसिंहपुर में शामिल कर दिया। कलेक्टर के आदेश पर संभाग आयुक्त के पास अपील की गई, जिस पर कमिश्नर ने इस आदेश को यथावत रखा।
याचिकाकर्ता के खिलाफ 7 प्रकरण दर्ज
कमिश्नर कोर्ट में दलील दी गई कि याचिकाकर्ता के खिलाफ 7 प्रकरण दर्ज थे, जिनमें से 6 में वह बरी हो गया था। सिर्फ एक मामले में ही उसे सजा हुई थी, जिसकी अपील भी वह हाईकोर्ट में लंबित है। याचिकाकर्ता की तरफ से हाई कोर्ट में दलील दी गई कि जिला दंडाधिकारी सिवनी ने जिलाबदर की कार्यवाही के पहले इस बात का परीक्षण नहीं करवाया। जिला दंडाधिकारी सिवनी ने सिर्फ एसपी की रिपोर्ट पर जिलाबदर का आदेश जारी कर दिया जो कि कानून की दृष्टि से सही नही है।