गोरखपुर
गोरखपुर में कलेक्ट्रेट परिसर में स्थित अभिलेखागार में सुरक्षित पूरे जिले के राजस्व रिकॉर्ड से शहर के कुछ हिस्सों के साथ ही 200 गांवों के भू-नक्शे विलुप्त हो गए हैं या यू कह लें कि पूरी तरह नष्ट हो गए हैं। कुछ के बचे भी हैं तो इस कदर जर्जर हो गए हैं कि पढ़ने योग्य नहीं बचे हैं। स्थिति यह है कि गांव में दबंग व्यक्ति किसी की जमीन कब्जा कर ले रहा है तो विरोध के लिए पीड़ित के पास मानचित्र ही नहीं है। ऐसे में विवाद बढ़ रहे हैं।
तुर्कमानपुर के रहने वाले स्वतंत्र कुमार बीते दिनों घर के पीछे की जमीन का नक्शा लेने अभिलेखागार पहुंचे तो पता चला कि वहां का नक्शा ही गायब है। उन्होंने पूछताछ की तो पता चला कि नक्शे की एक प्रति राजस्व परिषद मे है वहां से लाने का प्रयास चल रहा है। वहां से नक्शा आते ही नकल देना शुरू कर दिया जाएगा।
यह समस्या सिर्फ तुर्कमानपुर के स्वतंत्र कुमार की नहीं है, शहर के भेड़ियागढ़, बिलंदपुर और बशारतपुर समेत जिले के करीब दो सौ गांवों के नक्शे गायब या नष्ट हो चुके हैं। ऐसी स्थित में तमाम लोगों के विवाद सुलझ नहीं पा रहे। इस समस्या से निजात के लिए अब संबंधित हल्के के लेखपाल राजस्व परिषद जाएंगे और वहां रिकॉर्ड मिलान कर क्षेत्र का नक्शा लाएंगे। इसके लिए अभी तैयारी चल रही है। जल्द ही लेखपालों को रोस्टर बनाकर राजस्व परिषद भेजा जाएगा।
पुराने अभिलेख भी हो चुके हैं नष्ट
राजस्व अभिलेखागार में मौजूद ब्रिटिश शासनकाल में उर्दू में तैयार किए गए अभिलेख नष्ट हो गए हैं। अधिकतर गांवों में कोर्रा बंटवारा और तकसीम किए गए थे। कई गांवों के डीह के अभिलेख, आकार पत्र दो, आकार पत्र 23, आकार पत्र 11, चकबंदी के पहले की खतौनियां फसली वर्ष 1356, 1359, 1365, 1370 के अतिरिक्त चकबंदी जिल्द आदि भी फट गए हैं। जल्द ही लेखपालों को राजस्व परिषद भेजकर जरूरी नक्शे मंगाने की कवायद की जा रही है।