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ओयो ने जनवरी-जुलाई में कॉर्पोरेट जगत से जुड़े 2,800 नए ग्राहक जोड़े : रिपोर्ट

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नई दिल्ली
 आतिथ्य क्षेत्र से जुड़े ऑनलाइन मंच ओयो ने जनवरी-जुलाई 2023 में कॉर्पोरेट जगत से जुड़े 2,800 ग्राहक जोड़े, जो सालाना आधार पर 11.75 प्रतिशत अधिक है। एक रिपोर्ट में यह बात कही गई।

कंपनी ने  ‘ओयो बिजनेस ट्रैवल ट्रेंड्स रिपोर्ट 2023’ शीर्षक वाली अपनी एक रिपोर्ट जारी की। उनके अनुसार जनवरी-जुलाई 2023 में व्यवसायिक यात्रा (बिजनेस ट्रैवल) में सालाना आधार पर 20 प्रतिशत राजस्व वृद्धि दर्ज की।

रिपोर्ट में कहा गया, ‘‘ओयो ने सालाना आधार पर करीब 12 प्रतिशत वृद्धि दर्ज करते हुए कॉर्पोरेट जगत से जुड़े 2,471 नए ग्राहक जोड़े।’’ रिपोर्ट के अनुसार, हैदराबाद में 660 सबसे कॉर्पोरेट ग्राहक जुड़े। इसके बाद गुरुग्राम में 593, दिल्ली में 343, बेंगलुरु में 315, मुंबई में 282, कोलकाता में 268 और पुणे में 218 ग्राहक जुड़े।

रिपोर्ट में कहा गया कि नोएडा, लखनऊ, कोच्चि, जयपुर, चेन्नई और कोयंबटूर जैसे कई अन्य व्यावसायिक केंद्रों ने वृद्धि में योगदान दिया है। पुणे, दिल्ली, गुरुग्राम और बेंगलुरु के बाद हैदराबाद ने राजस्व वृद्धि में सबसे अधिक योगदान दिया है।

सीएमएआई ने किसानों के हित के लिए केयूकेवीसी के साथ की साझेदारी

नई दिल्ली
 उद्योग संगठन कार्बन मार्केट्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया ने किसानों को आजीविका बढ़ाने के वास्ते टिकाऊ कृषि पद्धतियों को अपनाने में मदद करने के लिए कृषि उद्यमी कृषक विकास चैंबर के साथ साझेदारी की है।

कार्बन मार्केट्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया (सीएमएआई) की ओर से जारी एक बयान के अनुसार, भारत में विकासशील बाजार, जैविक खेती तथा कार्बन क्रेडिट के एकीकरण जैसी टिकाऊ प्रथाओं को अपनाने से किसानों को बेहतर राजस्व अर्जित करने में मदद मिलेगी।

सीएमएआई जलवायु परिवर्तन से निपटने में कार्बन क्रेडिट के महत्व पर सत्र आयोजित करेगा और अधिकृत मंचों के जरिए पंजीकरण तथा क्रेडिट अर्जित करने की प्रक्रिया पर मार्गदर्शन प्रदान करेगा।

कार्बन क्रेडिट एक बाजार-आधारित तंत्र है जिसे ग्रीनहाउस गैस (जीएचजी) उत्सर्जन में कमी लाने को प्रोत्साहित करने के लिए तैयार किया गया है। इसे कार्बन ऑफसेट भी कहा जाता है।

बयान के अनुसार, सीएमएआई ने रणनीतिक साझेदारी बनाने के लिए कृषि उद्यमी कृषक विकास चैंबर (केयूकेवीसी) के साथ एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए हैं।

सीएमएआई के अध्यक्ष मनीष डबकरा ने कहा, ‘‘इस सहयोग के जरिए हमारा लक्ष्य कार्बन उत्सर्जन को कम करना और बदलाव के वित्तपोषण के वास्ते कार्बन क्रेडिट के लाभों का इस्तेमाल करने के लिए टिकाऊ कृषि प्रथाओं की महत्वपूर्ण क्षमता का दोहन करना है।’’