लखनऊ
डिजिटल हो रही दुनिया के साथ ही साइबर ठग भी रोजाना नई तकनीक से ठगी कर रहे हैं। साइबर ठगों द्वारा अब बिजली बिल बकाया का एसएमएस भेजकर लोगों को ठगी का शिकार बनाया जा रहा है। ठग लोगों को बिजली बिल बकाया होने का मैसेज भेजते हैं और फिर उन्हें लाइट काटने का डर दिखाकर पैसे वसूलते है। रुपये देने के बाद बिल पेंडिंग दिखाने की बात कह मोबाइल एप डाउनलोड करा खाता साफ करने के साथ ही मोबाइल का डेटा भी चोरी कर रहे हैं। इस तरह के अब तक करीब सात मुकदमे दर्ज किए गए हैं।
मैसेज कर कनेक्शन काटने की दी धमकी
उत्तर प्रदेश पावर कारपोरेशन के नाम से एक मैसेज व मेल जीआरएम स्कूल के प्रबंधक राजेश अग्रवाल जौली को साइबर ठगों की ओर से भेजा गया। उनके मोबाइल पर एक मैसेज आया जिसमें बिजली कनेक्शन काटने व 10 नंबर के निजी नंबर को हेल्पलाइन नंबर बताकर मदद के लिए लिखा गया था।
निजी नंबर को हेल्पलाइन का बताया
बदायूं रोड निवासी अभिषेक शर्मा के मोबाइल में निजी नंबर से मैसेज के माध्यम से बिजली का बकाया जमा करने व बिजली कनेक्शन काटने की बात कही गई थी। वहीं हेल्पलाइन नंबर पर कॉल करने पर ठग युवक ने एक मोबाइल एप डाउनलोड करने को कहा गया। जो कि बिजली निगम का नहीं था।
बिजली निगम धमकी भरे मैसेज नहीं भेजता
मध्यांचल विद्युत वितरण निगम के मुख्य अभियंता राजीव शर्मा ने बताया कि बिजली विभाग कभी भी किसी मोबाइल नंबर से मैसेज नहीं भेजता और ना मोबाइल नंबर पर संपर्क करने के लिए किसी से कहता है। मैसेज हमेशा बिजली सप्लाई करने वाली कंपनी के नाम से आता है। अगर उपभोक्ता के पास ऐसे मैसेज या फोन काल आए तो बिजली विभाग के कस्टमर केयर या स्थानीय कार्यालय में संपर्क करना चाहिए।
ऐसे की जा रही है धोखाधड़ी
साइबर ठगों द्वारा ठगी का एक नया तरीका अपनाया जा रहा है जिसमें उनके द्वारा बिजली उपभोक्ताओं को विद्युत वितरण कंपनी से मिलते-जुलते नाम से विद्युत बिल बकाया होने के एसएमएस/मैसेज व मेल भेजी जा रही है। जिसमें पिछले माह का बिजली बिल न भरने के कारण बिजली कनेक्शन काटने की बात कही जाती है। कनेक्शन जारी रखने के लिए तत्काल कुछ नंबरों पर संपर्क करने के लिए बताया जाता है। ऐसा मैसेज देखकर दिए गए संपर्क नंबर पर कॉल करता है, तो कॉल रिसीव करने वाला व्यक्ति (ठग) अपने आप को विद्युत विभाग का अधिकारी बताता है। विद्युत कनेक्शन जारी रखने के लिए विद्युत विभाग की मोबाइल एप्लीकेशन Zohocustomer के माध्यम से तत्काल ऑनलाइन बिल भरने का सुझाव देता है एक एप्लीकेशन अपने मोबाइल पर इंस्टाल करने को कहता है। उपभोक्ता घबराहट में ठग द्वारा बताए गए एप्लीकेशन को अपने मोबाइल पर इंस्टाल कर लेता है, जो वास्तव में एक रिमोट एक्सेस एप या स्क्रीन शेयरिंग एप है।