Home मध्यप्रदेश जब अच्छे और धर्मात्मा लोग सरकार चलाते हैं तो परमात्मा भी पूरा...

जब अच्छे और धर्मात्मा लोग सरकार चलाते हैं तो परमात्मा भी पूरा सहयोग करता है – मुख्यमंत्री चौहान

4

 भोपाल.

मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि जब अच्छे और धर्मात्मा लोग सरकार चलाते हैं तो परमात्मा भी पूरा सहयोग करता है। उन्होंने बुधवार को भोपाल के कुशाभाऊ ठाकरे हॉल में कृषक मित्र योजना का शुभारंभ किया। इस मौके पर मुख्यमंत्री ने दिग्विजय सिंह पर निशाना साधते हुए कहा कि वे सोशल मीडिया पर पोस्ट कर अधिकारियों को धमकाते हैं, पूछते हैं कि पैसा कहां से आ रहा है। उनकी नजर में मामा मामा नहीं औरंगजेब हो गया है। मैं उनसे कहना चाहता हूं कि आप पैसे के लिए रोते थे, पर हमारी सरकार के पास पैसे की कोई कमी नहीं है।

जब अच्छे लोग और धर्मात्मा लोग सरकार चलाते हैं तो परमात्मा भी पूरी मदद करते हैं। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि जल्द ही किसानों का एक बड़ा कार्यक्रम आचार संहिता से पहले आयोजित किया जायेगा। कार्यक्रम में कृषि मंत्री कमल पटेल, बिजली मंत्री प्रद्युम्न सिंह तोमर और किसान बड़ी संख्या में मौजूद थे। सीएम ने आगे कहा कि किसानों को 6000 रुपये प्रधानमंत्री दे रहे हैं, तो 6000 रुपये सीएम देंगे। सीएम शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि किसान हमारे अन्नदाता ही नहीं, प्राण दाता भी हैं। आपकी अथक मेहनत से एमपी को कृषि के क्षेत्र में कई पुरस्कार मिले हैं।

हम ने एमपी में अन्न के भंडार भर दिये हैं। हमने आपका साथ देने में कभी कमी नहीं छोड़ी। हमने जीरो प्रतिशत ब्याज पर किसानों को कर्जा दिया। प्रदेश में वर्षा नहीं हो रही थी, मैं महाकाल बाबा के शरण में पहुंच गया। सिंचाई की व्यवस्था 47 लाख हेक्टेयर में की गई है। सभी नदी, तालाब और डैम भर गए हैं। किसान सम्मान योजना की राशि बढ़ाई है।ये सिलसिला रुकेगा नहीं आगे बढ़ेगा। किसानों के हितों को पूरा करना हमारी प्रथमिकता है।

ऐसी है योजना
कृषकों को स्थाई कृषि पम्प कनेक्शन
देने के लिये मुख्यमंत्री कृषक मित्र योजना शुरू की गई है। इस योजना में 3 एचपी या अधिक क्षमता के स्थाई पम्प कनेक्शन के लिये 200 मीटर तक की दूरी के 11 के.व्ही. लाइन के विस्तार, वितरण ट्रांसफार्मर की स्थापना और निम्न दाब लाइन केबल विस्तार कार्य शामिल हैं। योजना में समस्त सामग्री सहित विस्तार कार्य एवं इसका संधारण विद्युत वितरण कम्पनी द्वारा किया जायेगा। इस कार्य का 50 प्रतिशत व्यय शासन द्वारा और 50 प्रतिशत कृषक या कृषक समूह द्वारा वहन किया जायेगा। योजना के पहले वर्ष में 10 हजार पम्प के लिये लक्ष्य रखा गया है। योजना 2 वर्ष तक प्रभावशील रहेगी।