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बच्ची की मौत से आक्रोशित परिजनों ने MGM में ऑन ड्यूटी डॉक्टर को पीटा, विरोध में ओपीडी बंद

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जमशेदपुर
महात्मा गांधी मेमोरियल (एमजीएम) मेडिकल कॉलेज अस्पताल के पीआइसीयू वार्ड में कार्यरत पीजी मेडिकल के छात्र सह चिकित्सक डॉ. कमलेश उरांव के साथ मारपीट की वारदात को अंजाम दिया गया है. घटना करीब दो बजे की है. आरोप है कि पांच साल की बच्ची की मौत से आक्रोशित परिजनों ने चिकित्सक के कक्ष में घुसकर हमला कर दिया. हमले में चिकित्सक गंभीर रूप से घायल हो गये. घटना का वीडियो सोशल मीडिया में वायरल है. हमले के विरोध में एमजीएम सहित अन्य अस्पतालों के चिकित्सकों ने विरोध प्रदर्शन किया. सुबह एमजीएम के ओपीडी भवन के मेन गेट को बंद कर धरना दिया गया.

चिकित्सकों की क्या है मांग

गौरतलब है कि चिकित्सक सुबह नौ से लेकर दोपहर 12.30 बजे तक हड़ताल पर रहे. इस दौरान मारपीट करने वालों को गिरफ्तार करने की मांग की गयी. अस्पताल परिसर में पुलिस पिकेट बनाने और चिकित्सकों की सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम करने की मांग भी रखी गयी. ओपीडी सेवाएं बंद होने के कारण इलाज कराने पहुंचे लगभग 900 मरीजों को बिना ईलाज कराऐ लौटना पड़ा. डॉक्टरों की हड़ताल की जानकारी मिलने पर एसडीओ पीयूष सिन्हा व कार्यपालक दंडाधिकारी सुमित प्रकाश अस्पताल पहुंचे. चिकित्सकों से वार्ता के दौरान एसडीओ ने 24 घंटे के अंदर आरोपियों की गिरफ्तारी करने का आश्वासन दिया.

डॉक्टरों ने इस संबंध में थाने में लिखित शिकायत दर्ज करायी है. चेतावनी दी गयी है कि अगर बुधवार की सुबह तक आरोपियों की गिरफ्तारी नहीं होती है, तो फिर से सभी चिकित्सक काम बंद कर आंदोलन शुरू कर देंगे. चिकित्सक और प्रशासन के बीच हुई वार्ता के दौरान अस्पताल अधीक्षक डॉ रवींद्र कुमार, उपाधीक्षक डॉ नकुल चौधरी, आइएमए अध्यक्ष डॉ जीसी मांझी, सचिव डॉ सौरव चौधरी मौजूद रहे.
यह था पूरा विवाद

देवनगर निवासी दीपक प्रधान अपनी पांच वर्ष की बेटी अन्नू प्रधान को लेकर सुबह लगभग 11 बजे इलाज के लिए एमजीएम अस्पताल पहुंचे. इस दौरान बच्ची बेहोश थी. डॉक्टरों जांच किए तो पता चला बच्ची में ब्रेन मलेरिया व संदिग्ध डेंगू के लक्षण हैं. बच्ची का ब्लड शुगर 42 हो गया था. गंभीर स्थिति को देखते हुए बच्ची को अस्पताल के पीआइसीयू में भर्ती किया गया. रात लगभग 1.20 बजे बच्ची को मौत हो गयी. इसके बाद बच्ची के साथ आये कई लोग ड्यूटी पर तैनात चिकित्सक से पूछताछ करने लगे. थोड़ी देर परिजन और चिकित्सक के बीच बहस हुई. इसके बाद उसके परिजनों ने चिकित्सक पर हमला कर दिया. इसमें चिकित्सक डॉ कमलेश उरांव के सिर, हाथ, पेट, पीठ सहित अन्य कई जगहों पर चोट आयी है.