बिहार
डर हो या दबाव, बिहार के स्कूलों में लगातार छात्रों की उपस्थिति बढ़ रही है। पटना जिले के माध्यमिक और उच्च माध्यमिक विद्यालयों में पिछले तीन महीने में 55 से 60 फीसदी तक उपस्थिति पहुंच गयी है। वहीं प्राथमिक और मध्य विद्यालय में 53 से 57 फीसदी बच्चे स्कूल आने लगे हैं। पहले जिले के नौवीं से 12वीं की कक्षाओं में 25 से 30 फीसदी उपस्थिति ही रहती थी। कक्षा एक से आठवीं तक 20 फीसदी बच्चे ही आते थे, लेकिन अब ज्यादातर स्कूलों में कक्षाएं भरी रहती हैं। कहा जा रहा है कि शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव केके पाठक का असर दिखने लगा है।
75 फीसदी उपस्थिति के नियम से स्कूलों की उपस्थिति बढ़ी है। हाल में ही बोर्ड ने यह आदेश जारी किया है कि 75 फीसदी उपस्थिति नहीं होने पर छात्र-छात्राएं मैट्रिक और इंटर परीक्षा में शामिल नहीं हो पाएंगे। जहां छात्र इंटर और मैट्रिक का परीक्षा फॉर्म भरने के बाद स्कूल नहीं आते थे, वहीं अब फॉर्म भराने के बाद भी उपस्थित हो रहे हैं। शास्त्रीनगर बालक हाई स्कूल में 657 छात्र नामांकित है। इसमें 430 के लगभग छात्र विद्यालय आने लगे हैं। जबकि पिछले कई महीनों से स्कूल में मात्र 30 फीसदी ही उपस्थिति थी।
छात्र और शिक्षकों की उपस्थिति से स्कूल के शैक्षणिक माहौल में बदलाव आया है। अब शिक्षक के साथ छात्र भी समय पर स्कूल आने लगे हैं। स्कूल सुबह नौ से चार बजे तक नियमित चलता है। हर कक्षा संचालित हो रही है।
रघुनाथ बालिका उच्च माध्यमिक विद्यालय में 523 छात्राएं नामांकित हैं। विद्यालय में 250 के लगभग छात्राएं हर दिन स्कूल आ रही हैं। पहले स्कूल में मात्र 50 से 60 छात्राएं ही नियमित स्कूल आती थीं। सबसे ज्यादा नौवीं से 12वीं की कक्षाओं में सख्ती का दिख रहा असर दिख रहा है। बच्चों के व्यवहार में भी व्यापक बदलाव आया है।
मध्य विद्यालय उरूद्दीननगर पटना सिटी में 432 विद्यार्थी नामांकित है। पहले सौ के लगभग ही छात्र स्कूल आते थे। वो भी मध्याह्न भोजन कर चले जाते थे। लेकिन पिछले कुछ महीनों में 50 फीसदी तक बच्चे स्कूल आ रहे हैं। कन्या मध्य विद्यालय अदालतगंज में 789 बच्चे नामांकित हैं। इस स्कूल में छह सौ से अधिक बच्चे यानी 70 फीसदी तक उपस्थिति हो रही है, जबकि पहले बच्चों की उपस्थिति 50 फीसदी से अधिक नहीं होती थी।
मिलर हाई स्कूल में 543 छात्र नामांकित हैं। इसमें 30 फीसदी के लगभग ही छात्र स्कूल आते थे, लेकिन पिछले तीन महीने में 20 फीसदी उपस्थिति बढ़ी है। नौवीं से 12वीं तक पहले 25 से 30 फीसदी उपस्थिति रहती थी। अब 50 से 55 फीसदी छात्र स्कूल आने लगे हैं।