भोपाल
राजधानी में भारत टॉकीज के पुल की सड़क पर डामरीकरण नहीं होने के कारण उसका खामियाजा यहां से गुजरने वालों को भुगतना पड़ रहा है। बारिश के मौसम में आलम यह है कि यहां पर जगह जगह पर भारी गड्ढे हो गए हैं और कई जगहों पर तो पुल में लगे लोहे के एंगल भी बाहर निकले हैं जिससे कभी भी बड़ी दुर्घटना हो सकती है। गौरतलब है कि शहर के सबसे पुराने भारत टॉकीज ब्रिज को रिपेयरिंग के लिए 18 मार्च को दो महीने के लिए बंद किया गया था । उसके सवा दो महीने बाद यहां ट्रैफिक चालू तो हो गया, लेकिन यहां की सड़क की न तो रिपेयरिंग की गई और नही उस पर डामरीकरण नहीं किया गया है।
जगह-जगह गड्ढों में भरा है पानी
एक लाख से अधिक लोगों की आबादी को पुराने शहर को जोड़ने वाली पुल की हालत बदहाल है। अंदर की खबर तो यह है कि ठेकेदार को भुगतान नहीं होने के कारण उसने काम रोक दिया है जबकि उसकी मशीनें यहां पर एक महीने से खड़ी हैं। ब्रिज को दुरुस्त करने के लिए ट्रैफिक बंद किया गया था। 360 बियरिंग तो बदल गए, उसी समय डामरीकरण हो जाता तो बेहतर था। लेकिन सड़क पर तो काम हुआ ही नहीं। ब्रिज पर जगह-जगह कीचड़ और पानी भरा है। जरा सी बारिश में यहां कीचड़ हो जाता है।
जिम्मेदार बोले- बारिश खत्म होते ही सड़क बनेगी
पीडब्ल्यूडी के एसडीओ आरके शुक्ला ने कहा कि ब्रिज की एक-एक स्लैब पर पिछले कई सालों से डामर की परत का बोझ था। इसका बोझ 119 टन था। अब यह खत्म हो गया है। लगभग 300 टन वजन के स्लैब के बियरिंग और पेडस्टल बदल गए हैं। अब जल्द ही इस पर डामरीकरण का कार्य प्रारंभ किया जाएगा।