नई दिल्ली
रेलवे बोर्ड आगामी 31 अक्तूबर से पहली पुल-पुश यात्री ट्रेन चलाएगा। इसकी विशेषता यह होगी कि यात्री समान्य किराये में राजधानी एक्सप्रेस की रफ्तार पर सफर करेंगे। यात्री राजधानी एक्सप्रेस की गति के सफर का लुत्फ उठा सकेंगे। पूर्ण रूप से नॉन एसी इस ट्रेन में दिव्यांगजनों के लिए विशेष दो कोच लगे होंगे। इसमें उनके लिए तमाम जरूरी सुविधाएं होंगी।
रेलवे बोर्ड के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि अक्तूबर के अंत तक पहली पुल-पुश ट्रेन शुरू हो जाएगी। हालांकि अभी इसका रूट तय नहीं किया गया है। उन्होंने बताया कि कुल 22 एचएलबी कोच वाली पुल-पुश ट्रेन पूर्ण रूप से नॉन एसी होगी। ट्रेन के आगे और पीछे इंजन लगेंगे। इसके बाद ट्रेन की औसत रफ्तार 10-15 फीसदी बढ़ जाएगी।
वर्तमान में सामान्य गैर प्रीमियम ट्रेन अधिकतम 110 किलोमीटर प्रतिघंटा की गति से चलती हैं, लेकिन पुल-पुश ट्रेन की अधिकतम गति 130 किलोमीटर प्रतिघंटा होगी। यह रफ्तार रेलवे की राजधानी एक्सप्रेस, शताब्दी एक्सप्रेस और दुरंत ट्रेन की होती है। नॉन एसी पुल-पुश ट्रेन का किराया सामान्य (जनरल श्रेणी) होगा। इसमें खास प्रकार की लाइटिंग, बर्थ के कुशन, अधिक चार्जिंग प्वांइट आदि की सुविधाएं होंगी। विशेष प्रकार के कप्लर होने के कारण ट्रेन में झटका नहीं लगेगा।
12 कोच स्लीपर के होंगे
अधिकारी ने बताया कि 22 एलएचबी कोच वाली पुल-पुश ट्रेन में 12 कोच स्लीपर के होंगे। आठ कोच सेकंड स्लीपर बर्थ (सिटिंग) के होंगे, जबकि दो कोच विशेष रूप से दिव्यांगजनों के मुताबिक डिजाइन किए गए हैं। बर्थ पर चढ़ने के लिए सीढ़ियां होंगी। कोच में ब्रेल लिपि होगी, जो दृष्टिबाधित लोगों को पढ़ने और लिखने में सक्षम बनाता है। यह मोटे कागज पर उभरे हुए बिंदुओं का उपयोग करता है, जिसे दृष्टिबाधित व्यक्ति छूकर पढ़ सकते हैं।
क्या है पुल-पुश ट्रेन?
पुश-पुल मोड में एक इंजन आगे और एक इंजन पीछे होता है। आपने कई पहाड़ी रेलवे ट्रैक पर ट्रेन के आगे और सबसे आखिरी में दोनों तरफ इंजन लगे देखे होंगे। वैसे ही अब सामान्य ट्रेनों में भी इस टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल होने लगा है। ऐसे में एक इंजन जहां ट्रेन को आगे की ओर खींचेगा वहीं दूसरा इंजन ट्रेन को पीछे से ढकेलेगा।