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1135 स्वावलंबी गौठानों को 10 हजार रूपए प्रति गौठान के मान से 1.13 करोड़ रूपए की सहायता

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रायपुर। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा है कि छत्तीसगढ़ राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के स्वावलंबी गांवों के सपनों को साकार करने की दिशा में तेजी से आगे बढ़ रहा है। नरवा, गरवा, घुरूवा, बाड़ी योजना के तहत गौठानों में संचालित विभिन्न आर्थिक गतिविधियों जैसे महिला स्व सहायता समूहों द्वारा वर्मी कम्पोस्ट के उत्पादन, बाड़ियों में सब्जियों के उत्पादन सहित अन्य आर्थिक गतिविधियों से महिलाएं और ग्रामवासियों को रोजगार के साथ आमदनी का जरिया मिला है और वे स्वावलंबन की ओर बढ़ रहे हैं। मुख्यमंत्री आज यहाँ अपने निवास कार्यालय में आयोजित वर्चुअल कार्यक्रम में खरीफ फसल को खुले पशुओं की चराई से बचने के लिए रोका-छेका अभियान का वर्चुअल शुभारंभ करने के बाद कार्यक्रम को सम्बोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि गांवों में बैठक कर रोका-छेका अभियान के लिए चरवाहों को पशुओं को एक जगह रोकने और उन्हें गौठान मे एकत्र करने की जिम्मेदारी दी जाए। सभी गांवों में एक साथ रोका-छेका किया जाए, जिससे फसलों को नुकसान नहीं हो। मुख्यमंत्री ने इस अवसर पर कहा कि गौठानों के प्रबंधन के लिए राज्य सरकार वित्तीय संसाधन उपलब्ध करा रही है। मुख्यमंत्री ने कार्यक्रम में गौठानों को 24 करोड़ 41 लाख 50 हजार रूपए की सहायता देने की घोषणा की। इस राशि में से मुख्यमंत्री ने प्रदेश के 5820 सक्रिय गौठानों के संधारण के लिए 40 हजार रूपए प्रति गौठान के मान से कुल 23 करोड़ 28 लाख रूपए की सहायता देने तथा प्रदेश के 1135 स्वावलंबी गौठानों को 10 हजार रूपए प्रति गौठान के मान से एक करोड़ 13 लाख 50 हजार रूपए की राशि देने की घोषणा की। प्रदेश के स्वावलंबी गौठान वर्मी कम्पोस्ट, सुपर कम्पोस्ट के उत्पादन तथा अन्य आर्थिक गतिविधियों से होने वाली आय से स्वयं गोबर खरीदकर वर्मी कम्पोस्ट और सुपर कम्पोस्ट का उत्पादन स्व सहायता समूहों के माध्यम से कर रहे हैं। मुख्यमंत्री ने प्रदेश के स्वावलंबी गौठानों की समिति और ग्रामवासियों को इस उपलब्धि के लिए बधाई और शुभकामनाएं दीं। मुख्यमंत्री ने महिला स्व सहायता समूहों के सदस्यों से चर्चा कर उनके कार्यो की सराहना करते हुए उत्साहवर्धन किया।