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प्रख्यात तमिल लेखक के राजनारायणन का निधन

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पुडुचेरी। जाने-माने तमिल लेखक, उपन्यासकार और साहित्य अकादमी पुरस्कार से सम्मानित के. राजनारायणन का निधन हो गया। उनके परिवार के लोगों ने इस बारे में बताया। राजनारायणन 98 साल के थे। वह ‘की रा’ के नाम से लोकप्रिय थे। उनके परिवार में दो बेटे हैं। पिछले कुछ समय से राजनारायणन उम्र संबंधी बीमारी से जूझ रहे थे और सोमवार रात उन्होंने अंतिम सांस ली। पुडुचेरी की उपराज्यपाल तमिलिसाई सौंदराराजन ने मंगलवार को लेखक के आवास पर जाकर उन्हें श्रद्धांजलि दी। बाद में उपराज्यपाल ने पत्रकारों से कहा कि तमिल लेखकों ने मांग की है कि राजनारायणन जिस मकान में रहते थे, उसे स्मृति पुस्तकालय में बदला जाए। उपराज्यपाल ने कहा, इस अनुरोध पर विचार किया जाएगा। पुडुचेरी के मुख्यमंत्री एन रंगासामी ने लेखक के निधन पर शोक जताया है। अपने शोक संदेश में मुख्यमंत्री ने कहा कि की रा के निधन से साहित्य की दुनिया ने एक बड़ा विचारक, लेखक और निबंधकार खो दिया।
राजनारायणन 1980 के दशक में पांडिचेरी विश्वविद्यालय में लोक-साहित्य विभाग के प्रोफेसर थे। उन्हें 1991 में अपने उपन्यास ‘गोपालापुरातु मक्कल’ के लिए साहित्य अकादमी पुरस्कार मिला था। तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एम के स्टालिन ने भी लेखक के निधन पर शोक जताया और कहा कि राजनारायणन का अंतिम संस्कार पूरे राजकीय सम्मान से किया जाएगा। राजनारायणन का जन्म 1923 में तमिलनाडु के तूतीकोरिन जिले में कोविलपट्टी के पास इदाईसेवल गांव में हुआ। स्टालिन ने कहा, हमने तमिल के सबसे बड़े कथाकार को खो दिया…कारीसल साहित्य में उनके योगदान के लिए हमेशा उन्हें याद किया जाएगा। अन्नाद्रमुक के संयुक्त समन्वयक के पलानीस्वामी, पीएमके संस्थापक रामदास और एमडीएमके प्रमुख और राज्यसभा सदस्य वाइको ने भी राजनारायणन के निधन पर शोक प्रकट किया।