रायपुर। यदि महिलाओं को सशक्त बनाना है तो खुद से पहल करनी होगी। अगर एक महिला 10 महिलाओं को, 10 महिलाएं 100 महिलाओं को, 100 महिलाएं 1000 महिलाओं को, 1000 महिलाएं 01 लाख महिलाओं को सशक्त बनाएंगी तो यह कड़ी आगे बढ़ते जाएगी और धीरे-धीरे पूरा महिला समाज सशक्त हो जाएगा। इस कोरोना काल में भी महिलाएं अलग-अलग क्षेत्रों में कार्य करते हुए अपना महत्वपूर्ण योगदान दे रही हैं। यह बात राज्यपाल सुश्री अनुसुईया उइके ने महिला सशक्तिकरण पर आधारित कार्यशाला वीरांगना-2 को वर्चुअल रूप से संबोधित करते हुए कही। उन्होंने कहा कि जीवन में सफलता और असफलता आती रहती हैं, परन्तु संकट के समय हौसला बनाए रखें, हिम्मत न हारें, सफलता अवश्य मिलेगी। राज्यपाल ने कहा कि आज कोरोना काल में पूरा देश एवं विश्व ऐसे संकट से जूझ रहा है जिसकी हमने क्या दुनिया में किसी ने कल्पना भी नहीं की थी। राज्यपाल ने कहा कि आज संसार के सामने कोरोना संक्रमण के रूप में एक बड़ी आपदा आई हुई है। हमें इसे हराने के लिए आज एकजुट होना पड़ेगा। इस लड़ाई में भी हमारी महिला शक्ति हर मोर्चे पर डटी हुई है। चाहे पुलिस, चिकित्सक, प्रशासनिक अधिकारी या घर में मां, बेटी, पत्नी या बहन के रूप में और हर परिस्थितियों में परिवार और समाज के साथ अपनी भूमिका का निर्वहन कर रही है, सेवा कार्य कर रही है। सभी हॉस्पिटलों में जो नर्सेस कार्यरत हैं, वो चाहे मरीज को दवाई देने में, उनका ध्यान रखने में या टीकाकरण के समय भी वे फ्रंट लाइन में नजर आ रही है। सुश्री उइके ने कहा कि यदि घर में पिता या अन्य सदस्य अपने बेटियों और बहनों को सहयोग करें तो वे वह कर दिखाएंगी जिसके बारे में किसी ने कल्पना भी नहीं की होंगी। आज स्थिति बदल रही है। महिलाओं के आगे बढ़ने के साथ-साथ समाज की सोच भी आगे बढ़ रही है। महिलाओं को कई क्षेत्रों में उत्तम शिक्षा और सर्वोत्तम अधिकार प्राप्त हो रहें हैं लेकिन महिला सशक्तिकरण का सही अर्थ तब प्राप्त होगा जब लैंगिक असमानता को जड़ से समाप्त कर दिया जाए और महिलाओं को हर क्षेत्र में सम्मान दिया जाए। आवश्यकता है उन्हें पुरुषों के समान, सम्मान और अवसर प्रदान करने की। यही एक राष्ट्र का मूल उद्देश्य भी होना चाहिए। कार्यक्रम में एमिटी लॉ स्कूल नोएडा के उपनिदेशक प्रोफेसर आदित्य तोमर, एमिटी यूनिवर्सिटी, एमिटी लॉ स्कूल के चेयरमेन एंड फाउंडर प्रेसिडेंट्स आॅफिस (एमिटी ग्रुप) प्रोफेसर दिलीप कुमार बंदोपाध्याय, एमिटी यूनिवर्सिटी छत्तीसगढ़ के कुलपति डॉ. डब्ल्यू. सेल्वामूर्ति, एमिटी यूनिवर्सिटी उत्तरप्रदेश (नोएडा) के उपकुलपति प्रोफेसर बलविंदर शुक्ला सहित अध्यापकगण एवं विद्यार्थीगण भी शामिल हुए।