Home व्यापार वर्मी खाद बेचकर हुई 2 लाख से अधिक की आमदनी

वर्मी खाद बेचकर हुई 2 लाख से अधिक की आमदनी

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रायपुर। छत्तीसगढ़ में गोधन न्याय योजना से महिलाएं लाभान्वित हो रही हैं। योजना से महिला समूहों को अब नियमित रूप से रोजगार मिल रहा है। बलरामपुर-रामानुजगंज जिले की लाडली महिला स्व सहायता समूह विकासखण्ड वाड्रफनगर के बसंतपुर गौठान में गोधन न्याय योजनांतर्गत खरीदे गये गोबर से वर्मी खाद तैयार करने का कार्य कर रही हैं। गौठान में 2 रुपए प्रति किलो की दर से गोबर खरीदी तथा उससे वर्मी खाद तैयार कर 10 रुपए प्रति किलो की दर से बेचा जा रहा है। महिलाओं के कुशल प्रबंधन तथा व्यावसायिक दृष्टिकोण के परिणाम स्वरूप लाडली समूह की महिलाओं ने 226.52 क्विंटल खाद तैयार कर उद्यानिकी तथा वन विभाग को विक्रय किया है, जिससे उन्हें 2 लाख से अधिक की आमदनी प्राप्त हुई है। आजीविका के नये अवसर प्रदान कर गौठान स्वावलम्बी तथा आर्थिक समृद्धि के पर्याय बन चुके हैं, जिससे महिलाओं का आत्मविश्वास भी बढ़ा है। समूह में कार्यरत 13 महिलाएं गौठान से जुड़कर आर्थिक उन्नति के नये सोपान चढ़ रही हैं। प्रशासन के सहयोग व मार्गदर्शन ने मानों महिलाओं के हौसलों को नये पंख दे दिये हैं और उन्होंने गौठान को स्वावलंबी बनाने की शासन की मंशा को पूरा करके दिखाया है। लाडली समूह की अध्यक्ष श्रीमती प्रीति सिंह ने बताया कि ग्रामीण जीवनशैली में विविध कार्यों में गोबर का उपयोग होता आ रहा है, लेकिन गोधन न्याय योजना के माध्यम से शासन ने इसके व्यावसायिक महत्व से अवगत कराया और पशुपालकों की आय बढ़ाई तथा महिलाओं के लिए रोजगार सृजित कर उन्हें लाभान्वित किया। उन्होंने कहा कि प्रशासन के सतत् सहयोग ने हमें इस रोजगार से जोड़े रखा और इसी का ही परिणाम है कि खाद बेचकर हमें दो लाख से अधिक की आमदनी हुई है। गौठान से ही समूह की 13 महिलाओं को स्थायी रोजगार का साधन उपलब्ध हो पाया तथा उन्हें आजीविका के लिए अन्यत्र जाने की जरूरत नहीं पड़ी। गौठान में वर्मी खाद तैयार करने के साथ-साथ समूह की महिलाएं बाड़ी विकास का कार्य भी कर रही हैं। समूह के अन्य सदस्यों ने इस दौरान बताया कि गौठान में रोजगार मिलने से उनकी आर्थिक दिक्कतें दूर हुई हैं तथा वे परिवार के भरण-पोषण में अपना योगदान दें पा रही हैं।