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राष्ट्रपति ने प्राकृतिक संसाधनों को बचाने में जनजातीय लोगों के योगदान को सराहा

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भोपाल। राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने कहा है कि यदि हम मानवता की जड़ों से जुड़ना चाहते हैं तो हमें जनजातीय जीवन-शैली को अपनाना चाहिए। उन्होंने लोगों से कहा कि वे यह सुनिश्चित करें कि जनजातीय समुदाय आधुनिक विकास में समान अवसर प्राप्त करे और साथ ही अपनी पहचान बनाए रखें। वे रविवार को मध्य प्रदेश के दमोह जिले में सिंग्रामपुर गांव में राज्यस्तरीय जनजातीय सम्मेलन को संबोधित कर रहे थे। राष्ट्रपति मध्य प्रदेश के दो दिन के दौरे पर हैं। राष्ट्रपति ने जनजातीय जीवन-शैली की प्रशंसा करते हुए कहा कि जनजातीय समुदाय प्राकृतिक संसाधनों के संरक्षक हैं। उन्होंने कहा कि जनजातीय समुदायों ने ब्रिटिश काल के दौरान भी प्राकृतिक संपदा का संरक्षण किया था। इसलिए जनजातिय शहीदों की स्थानीय और राष्ट्रीय स्तर पर पूजा की जाती है। इससे पहले राष्ट्रपति ने सिंग्रामपुर गांव में सिंगौरगढ़ दुर्ग के विकास कार्यों की आधारशिला रखी। उन्होंने वर्चुअल माध्यम से महात्मा गांधी, राममनोहर लोहिया और पंडित दीनदयाल उपाध्याय की कांस्य प्रतिमाओं का अनावरण भी किया। इस अवसर पर राज्यपाल आनंदीबेन पटेल, मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान, केंद्रीय मंत्री प्रह्लाद सिंह पटेल और फग्गन सिंह कुलस्ते भी उपस्थित थे।