गौरेला। छत्तीसगढ़ का मरवाही उपचुनाव कांग्रेस के नाम रहा। पहली बार जोगी परिवार के इस गढ़ में किसी राजनीतिक दल ने सेंध लगाई है। कांग्रेस उम्मीदवार डॉक्टर केके ध्रुव ने 38,197 वोटों से अपने निकटतम प्रतिद्वंदी भाजपा के डॉक्टर गंभीर सिंह को शिकस्त दी। मंगलवार को आए नतीजों में डॉक्टर ध्रुव को 83,561 वोट मिले। जबकि भाजपा के डॉक्टर गंभीर को 45,364 मतों से संतोष करना पड़ा।
जोगी परिवार के सहयोग के बावजूद भाजपा फिर नंबर दो की पोजिशन पर रही। तमाम कोशिशों के बावजूद छत्तीसगढ़ जनता कांग्रेस अध्यक्ष अमित जोगी पिता की विरासत को बचा नहीं सके। चुनाव से पहले ही बाहर हो जाने के बाद भाजपा को समर्थन देना भी काम नहीं आया। पहले चरण से मिली कांग्रेस की बढ़त, अंतिम राउंड तक जारी रही।
डाक मतपत्रों की गिनती के दौरान ही बना ली थी कांग्रेस ने बढ़त
सुबह करीब 15 मिनट की देरी से डाक मतपत्रों की गिनती शुरू हुई। इसके साथ ही कांग्रेस उम्मीदवार डॉ. केके ध्रुव ने बढ़त बना ली थी। इसके नतीजों में देरी हो रही थी, इसके चलते एश्ट के भी मतों की गिनती शुरू कर दी गई। अंतिम परिणाम सामने आए तो पोस्टल बैलेट से कांग्रेस को 478 और भाजपा उम्मीदवार डॉ. गंभीर सिंह को 171 वोट मिले थे।
जोगी के पैतृक बंगले के सामने ही कांग्रेस का जश्न
मतगणना के जैसे ही 21 में से 9 राउंड पूरे हुए थे, कांग्रेस की ओर से जीत का जश्न शुरू हो गया था। हालांकि जीत के प्रति आश्वस्त होने के बावजूद डॉ. केके ध्रुव शांत थे। वहीं समर्थक और कार्यकर्ता रैली निकालकर जोगी के पैतृक बंगले तक पहुंचे और आतिशबाजी शुरू कर दी। इसके बाद डीजे की धुन पर डांस शुरू हुआ तो कांग्रेस चुनाव प्रभारी और कैबिनेट मंत्री जयसिंह अग्रवाल भी झूमने लगे।
दो साल बाद फिर कांग्रेस का कब्जा, पर अब जोगी परिवार नहीं
कांग्रेस ने मरवाही उपचुनाव जीतकर दो साल बाद फिर इस सीट पर अपना कब्जा जमा लिया है। छत्तीसगढ़ बनने के बाद से ही यह सीट कांग्रेस के साथ ही जोगी परिवार का भी गढ़ रही है। हालांकि साल 2018 में अजित जोगी ने कांग्रेस से अलग होकर चुनाव लड़ा और जीता भी। अब एक बार फिर कांग्रेस ने इस सीट पर अपना कब्जा बरकरार किया है, लेकिन अब जोगी परिवार इसमें शामिल नहीं है।
पहली बार जोगी परिवार से कोई चुनाव मैदान में नहीं
पूर्व मुख्यमंत्री अजीत जोगी के निधन से खाली हुई इस सीट के लिए 3 नवंबर को मतदान हुआ था। पहली बार ऐसा हुआ है, जब जोगी परिवार से कोई चुनावी मैदान में नहीं था। इसके बावजूद मामला त्रिकोणीय था। अमित जोगी हर हाल में कांग्रेस को रोकना चाहते थे। भाजपा नंबर दो से एक पर आने की कोशिश में थी। इन सबके बीच कांग्रेस ने जीत दर्ज कर मुख्यमंत्री भूपेश बघेल का 70 सीटों का टारगेट पूरा किया।