कोलकाता। बंगाल में अगले साल चुनाव होने हैं। ऐसे में भाजपा ने वहां पूरा दम लगा रखा है। शाह ने बंगाल दौरे के दूसरे दिन शुक्रवार को कोलकाता में कहा कि पश्चिम बंगाल में तुष्टिकरण की राजनीति से यहां की महान परंपरा आहत हुई है। शाह ने कहा, ‘जहां-जहां भाजपा का शासन रहा, हमने राज्य को बदल दिया। बंगाल से कहते हैं कि आपने कांग्रेस को मौका दिया, कम्युनिस्टों को मौका दिया, दो बार ममता दीदी को मौका दिया। एक बार मोदी को मौका दीजिए। हम 5 साल में सोनार बांग्ला बनाने का वादा करते हैं।’
शाह ने भाजपा कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए कहा, “तृणमूल का एकमात्र लक्ष्य ममता दीदी के भतीजे को मुख्यमंत्री बनाना है। बंगाल की जनता को तय करना है कि उन्हें विकास चाहिए या फिर परिवारवाद चाहिए। यहां तुष्टिकरण यहां तक पहुंचा कि 3-3 कानून थे। एक भतीजे के लिए, एक वोट बैंक के लिए और एक बंगाल के लिए। शायद की कोई राज्य हो, जहां तीन-तीन कानून हों।’
मतुआ परिवार के साथ लंच किया
शाह ने गौरांग नगर में आदिवासी मतुआ समुदाय के लोगों के घर लंच किया। मतुआ कम्युनिटी के लोग पाकिस्तान से यहां आए थे। वे नागरिकता संशोधन कानून के तहत भारत की नागरिकता चाहते हैं। 2019 में उन्होंने भाजपा को वोट दिया था। इस कम्युनिटी के सांसद शांतनु ठाकुर ने (CAA) में देरी होने की शिकायत भी की थी। अब माना जा रहा है कि अमित शाह ने उनकी समुदाय के लोगों के साथ खाना खाकर शिकायत भी दूर कर दी और बंगाल चुनाव में (CAA)का मुद्दा भी ले आए।
‘बंगाल पूरे देश की चेतना का केंद्र’
इससे पहले शाह ने दक्षिणेश्वर काली मंदिर में पूजा की।
दक्षिणेश्वर मंदिर में पूजा करने के बाद शाह ने पद्म भूषण अवॉर्डी क्लासिकल सिंगर पंडित अजॉय चक्रबर्ती से मुलाकात की। इससे बाद ईस्टर्न जोन कल्चरल सेंटर में पार्टी कार्यकर्ताओं के साथ मीटिंग की।