अजमेर। शहर में अजमेर इंजीनियरिंग कॉलेज के पास श्री विनायक ब्वॉयज हॉस्टल में नकली दवाइयों का जखीरा पकड़ा गया। यहां न केवल दवाइयों का स्टॉक था, बल्कि नकली दवाओं का उत्पादन भी किया जा रहा था। यह कार्रवाई दिल्ली की साकेत कोर्ट के आदेश पर गठित टीम ने अजमेर पुलिस के साथ की है।
साकेत कोर्ट के आदेश पर गठित टीम के लोकल कमिश्नर एडवोकेट मयंक ने बताया कि कोर्ट में एक दावा पेश किया गया था। इसमें बताया गया था कि पौरुष जीवन के नाम से अजमेर के इंजीनियरिंग कॉलेज के पास, श्री विनायक हॉस्टल में नकली दवाओं का उत्पादन किया जा रहा है।
ऐसे में यहां पर आदर्श नगर थाना पुलिस की मौजूदगी में टीम ने छापा मारा गया तो भारी मात्रा में नकली दवाइयों का स्टॉक मिला। यहां पर मशीनों से दवाइयों का निर्माण भी किया जा रहा था। दवाइयों व मशीनों सहित भवन को सीज करने की कार्रवाई की गई।
भवन मालिक अंकित सैनी से जब बात की तो उन्होंने कहा कि करीब डेढ़ साल से हॉस्टल अक्षय शर्मा को किराए पर दे रखा था। लॉकडाउन से पहले तो कुछ बच्चे भी यहां किराए पर रहते थे। लेकिन लॉकडाउन के बाद से हॉस्टल खाली पड़ा था। अब दवाइयों का कारोबार हो रहा था, यह मेरी जानकारी में भी नहीं था। मैं भी बाहर हूं और जाकर पता करूंगा।
इस मामले में जब अक्षय शर्मा से संपर्क किया तो उन्होंने कहा कि वे थर्ड पार्टी दवाओं का निर्माण करते हैं। यह नकली दवाइयों का मामला नहीं, बल्कि ट्रेड मार्क रजिस्टेशन का मामला है। हमको दिल्ली की एक फर्म ने जाली पेपर दिखाकर पैकेजिंग मैटेरियल उपलब्ध कराए और हम उनका काम कर रहे थे।