Home मध्यप्रदेश सिंधिया के सामने दंडवत होकर सिलावट ने जनता से मांगा आशीर्वाद

सिंधिया के सामने दंडवत होकर सिलावट ने जनता से मांगा आशीर्वाद

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इंदौरे । ज्योतिरादित्य सिंधिया ने गुरुवार को चौथी बार सांवेर पहुंचकर भाजपा प्रत्याशी तुलसी सिलावट के समर्थन में जनसभा को संबोधित किया। डकाच्या में मंच पर ज्योतिरादित्य सिंधिया का मालवी पगड़ी पहनाकर स्वागत किया गया। यहां पर भी सिंधिया के निशाने पर कमलनाथ और दिग्विजय सिंह ही रहे। सिंधिया ने कहा कि भाजपा में नारा लगता है, जय-जय सियाराम, कांग्रेस में नारा लगता है, जय-जय कमलनाथ… जो व्यक्ति अपने आप को भगवान के सामान समझे, उस व्यक्ति के अहंकार को 3 तारीख को चूर-चूर करके छोड़ना है। इस दौरान सिलावट ने सिंधिया के सामने दंडवत प्रणाम करके जनता से आशीर्वाद मांगा।

सिंधिया ने कहा कि 2018 के चुनाव में भी आपके समक्ष आया था, तब भी चुनाव का ऐसा ही माहौल था। तुलसी सिलावट आपके लिए मंत्री नहीं बल्कि आपका बच्चा है। 2018 के चुनाव में शिवराज सिंह चौहान और हम आमने-सामने थे, प्रतिस्पर्धा थी, लेकिन हमारा लक्ष्य प्रदेश का विकास, प्रगति और किसानों की उन्नति ही थी। आज हम मिलकर एक और एक ग्यारह हो गए हैं। सिंधिया ने कमलनाथ पर निशाना साधते हुए कहा कि जब कुर्सी गई तो कमलनाथ मैदान में दिखने लगे।

15 माह में कमलनाथ ने प्रजातंत्र के मंदिर वल्लभ भवन को दलालों का अड्डा बना दिया था। कांग्रेसी कहते थे कि कमलनाथ अंतरराष्ट्रीय उद्योगपति हैं, लेकिन कमलनाथ ने वल्लभ भवन से ट्रांसफर उद्योग शुरू कर दिया था। वल्लभ भवन में बोली लगती थी, एसपी का ट्रांसफर एक हफ्ते में चार बार हो गया। शराब का कारोबार, अवैध रेत उत्खनन, इतना भ्रष्टाचार की प्रदेश सरकार के उस समय के कैबिनेट मंत्री उमंग सिंघार ने कांग्रेस पार्टी की राष्ट्रीय अध्यक्ष को चिट्ठी लिखी थी कि अवैध शराब, ट्रांसफर उद्योग और अवैध रेत उत्खनन का कारोबार दिग्विजय सिंह और कमलनाथ चला रहे हैं।

सिंधिया ने कहा कि उस समय सीएम एक था, लेकिन उसके ऊपर सुपर सीएम था। चुनाव आता है तो जोड़ी आती है, एक छोटा भाई और एक बड़ा भाई। एक पर्दे के पीछे छिप जाते हैं, चुनाव के बाद एक सामने आते हैं। दूसरे के द्वारा पीछे से कठपुतली की डोरी चलाई जाती है। ओलावृष्टि हुई, बाढ़ आई, लेकिन कमलनाथ का कोई नाम निशान नहीं दिखा। ये धर्म के रास्ते से भटक गए और भ्रष्टाचार का इतिहास बनाया। तुलसी सिलावट और सिंधिया को गद्दार कहते हैं।

सुन लो दिग्विजय और कमलनाथ चापलूसी करने के लिए सिंधिया की पैदाइश नहीं हुई है, मुझे चेतावनी दी और मैंने सरकार गिरा दी। सिंधिया परिवार को कुर्सी का मोह नहीं है। नेम प्लेट, लालबत्ती का मोह नहीं है। दिग्विजय और कमलनाथ सबसे बड़े गद्दार हैं, जिन्होंने किसानों के साथ धोखा किया। कमलनाथ ने इमरती देवी के बारे में जिन शब्दों का उपयोग किया, वह महिलाओं का अपमान है। दलितों का अपमान है, आज बाबा साहब जीवित होते तो मुंह तोड़ जवाब देते।