दुर्ग। सांसद विजय बघेल का दुर्ग जिले के पाटन इलाके में अनशन खत्म हो गया। पूर्व मुख्यमंत्री डॉ. रमन ने उन्हें जूस पिलाकर अनशन तुड़वाया। इससे पहले मंच से कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए रमन सिंह मुख्यमंत्री भूपेश को लेकर कुछ ज्यादा ही आक्रामक नजर आए। मंच से उन्होंने नारा लगाया- भूपेश तेरी गुंडागर्दी नहीं चलेगी…नहीं चलेगी। आमतौर पर डॉ. रमन इस तरह की नारेबाजी करते नहीं दिखते हैं। उन्होंने संबोधन में कहा कि भाजपा ने आपातकाल का समय देखा है। हम किसी से नहीं डरेंगे, बल्कि मजबूती से लड़ेंगे, वो जैसा चाहते हैं उसी तरीके से जवाब दिया जाएगा।
कार्यकर्ताओं की मंजूरी ली
डॉ. रमन ने अनशन पर बैठे सांसद विजय बघेल से कहा कि मैं आपसे आग्रह करूंगा कि प्राण देने की जरूरत नहीं है। भारतीय जनता पार्टी ऐसे लोगों से लड़ने के लिए पूरी तरह से तैयार है। इस सरकार से कानून व्यवस्था नहीं संभल रही है। इस आंदोलन से हमने दिखाया है कि सरकार से हमारे कार्यकर्ता डरते नहीं। हमने इस मामले में राज्यपाल से मुलाकात की वो गृह मंत्रालय से रिपोर्ट मंगवा रही हैं। अंत में उन्होंने कहा कि मैं अपने कार्यकर्ताओं से पूछ रहा हूं कि क्या मैं सांसद विजय बघेल से आग्रह करूं कि वो अपना अनशन खत्म करें, कार्यकर्ताओं की हामी के बाद अनशन तुड़वाया गया। संबोधन के वक्त बीच में डॉ. रमन की जुबान फिसली और वो विजय बघेल को भूपेश बघेल बोल बैठे मगर तुरंत खुद को संभाल लिया।
मेरी मां के खिलाफ एफआईआर की थी, मगर मैं स्वागत करता हूं
मुख्यमंत्री भूपेश बघेल से पाटन में भाजपा के आंदोलन और डॉ. रमन सिंह के वहां जाने पर प्रतिक्रिया दी। दरअसल, पाटन मुख्यमंत्री का चुनावी क्षेत्र है। बिहार दौरे के लिए रवाना होने से पहले भूपेश बघेल ने कहा कि मैं जब राजनांदगांव (डॉ. रमन का निर्वाचन क्षेत्र) गया था तो मेरी मां और पत्नी के खिलाफ एफआइआर की थी। संयोग देखिए कि शिकायतकर्ता सांसद विजय बघेल थे। आज वो पाटन जा रहे हैं तो मैं उनका स्वागत करूंगा। भाजपा के लोगों के नाम एफआइआर में हैं उस हिसाब से कार्रवाई हुई है, मामला कोर्ट में है तो क्या यह आंदोलन कोर्ट के खिलाफ है। भाजपा गुमराह कर रही है।
इस वजह से चल रहा था अनशन
दरअसल पाटन इलाके में शराब दुकान बंद करवाने गए भाजपा नेताओं पर लूट और हंगामे के आरोप में केस दर्ज किया गया। कुछ कार्यकर्ताओं को गिरफ्तार भी कर लिया गया, मामले की सुनवाई जारी है। इस कार्रवाई के विरोध में सांसद विजय बघेल ने रैली निकाली, घेराव किया मगर बात नहीं बनी तो उन्होंने अनशन करने की घोषणा कर दी। राज्यपाल के आश्वासन और डॉ. रमन सिंह के आग्रह के बाद अनशन खत्म हुआ। यह पूरा एपिसोड इस वजह से भी अहम माना जा रहा है कि पिछले विधानसभा चुनावों में कार्यकर्ताओं की अनदेखी के आरोपों से संगठन घिरा था। बड़े नेताओं का कार्यकर्ताओं के लिए इस कदर सामने आना डैमेज कंट्रोल की तरह भी है।