पटना। बिहार विधानसभा चुनाव के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी राज्य में 12 रैलियां करेंगे। ये रैलियां वर्चुअल नहीं होंगी, बल्कि पीएम खुद वहां जाएंगे। शुरूआत 23 अक्टूबर को सासाराम से होगी। सभी रैलियों में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार समेत सहयोगी दलों के नेता मौजूद रहेंगे।
मोदी की 12 रैलियों के जरिए भाजपा की नजर 110 सीटों पर
23 अक्टूबर: सासाराम, गया, भागलपुर। सासाराम रोहतास जिले में है, जहां 7 विधानसभा सीटें हैं। गया जिले में 10 और भागलपुर में 7 विधानसभा सीटें हैं। यानी तीन रैलियों के जरिए मोदी 24 सीटों पर प्रचार की कोशिश करेंगे।
28 अक्टूबर: दरंभगा, मुजफ्फरपुर, पटना (इसी दिन पहले फेज के तहत 71 सीटों पर वोटिंग होगी)। दरभंगा जिले में 10, मुजफ्फरपुर में 11 और पटना जिले में 14 विधानसभा सीटें हैं। यानी तीन रैलियों के जरिए मोदी 35 सीटों तक पहुंच सकते हैं।
1 नवंबर: छपरा, पूर्वी चंपारण और समस्तीपुर। छपरा जिले में 10, पूर्वी चंपारण में 12 और समस्तीपुर जिले में 10 सीटें हैं। यानी मोदी कुल 32 सीटों पर असर डाल सकते हैं।
3 नवंबर: पश्चिमी चंपारण, सहरसा और फारबिसगंज (इसी दिन दूसरे फेज के तहत 94 सीटों पर वोटिंग होगी)। पश्चिमी चंपारण जिले में 9, सहरसा में 4 और फारबिसगंज जिले में 6 सीटें हैं। यानी मोदी कुल 19 सीटों पर प्रचार कर सकते हैं।
सारी रैलियां एनडीए की
महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने बताया कि बिहार में प्रधानमंत्री की सारी रैलियां भाजपा की नहीं, बल्कि एनडीए की रैलियां होंगी। रैलियों के दौरान एक समय में 100 जगहों पर LED स्क्रीन के जरिए भी उनका भाषण दिखाया जाएगा। जिस जिले में रैली होगी, वहां हर विधानसभा क्षेत्र में पांच जगहों पर LED के जरिए सभा होगी। तकनीक के जरिए एनडीए ज्यादा से ज्यादा लोगों तक अपनी बात पहुंचाएगी।
रविशंकर ने बताया राजद का जन्म क्यों हुआ
सूचना प्रसारण और कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद ने राजद पर हमला करते हुए कहा, वे अपनी विरासत की तस्वीर लगाने से भी शरमा रहे हैं। वे तस्वीर लगाएंगे तो खौफ, लूट और अपहरण की याद आ जाएगी। जब एक बड़े घोटाले में गिरफ्तारी की तलवार लटकने लगी और पार्टी की ओर से मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा देने का दबाव बढ़ने लगा तब राजद बनाया गया।
भाजपा ने रिपोर्ट कार्ड जारी किया
भाजपा की ओर से जो रिपोर्ट कार्ड भी जारी किया गया। इसमें कहा गया- जन-जन की पुकार, आत्मनिर्भर बिहार। साथ ही, पार्टी ने यह नारा दिया है कि कोई नहीं है प्रवासी, सब हैं सिर्फ बिहारवासी।