हिमाचल । पूर्व सीबीआई चीफ और हिमाचल के पूर्व डीजीपी अश्विनी कुमार ने बुधवार को खुदकुशी कर ली। रिपोर्ट के मुताबिक, उन्होंने शिमला स्थित घर में फांसी लगा ली। बताया जा रहा है कि वो डिप्रेशन से जूझ रहे थे।
शिमला के एसपी मोहित चावला ने इस घटना की पुष्टि की है और कहा कि यह चौंकाने वाला मामला है। चावला ने कहा कि पुलिस अफसरों के लिए अश्विनी कुमार रोल मॉडल थे।
सुसाइड नोट में लिखा- अगली यात्रा पर निकल रहा हूं
शिमला स्थित ब्राक हास्ट स्थित आवास में अश्विनी कुमार का शव लटका पाया गया। पुलिस को घटनास्थल से सुसाइड नोट भी बरामद हुआ है। इसमें लिखा गया है कि जिंदगी से तंग आकर अगली यात्रा पर निकल रहा हूं।
2008 में सीबीआई के डायरेक्टर बनाए गए थे
अश्विनी कुमार मार्च 2013 से जून 2014 तक नागालैंड के गवर्नर थे। 2013 में थोड़े समय के लिए मणिपुर के गवर्नर भी रहे। अगस्त 2006 से जुलाई 2008 के बीच वे हिमाचल प्रदेश के डीजीपी रहे। 2 अगस्त 2008 से 30 नवंबर 2010 के बीच सेंट्रल ब्यूरो आॅफ इन्वेस्टिगेशन (सीबीआई) के डायरेक्टर के पद पर रहे थे। उस दौरान अमित शाह को शोहराबुद्दीन शेख के फर्जी एनकाउंटर मामले में गिरफ्तार किया गया था।
1985 में शिमला के एसपी रहते हुए अश्विनी कुमार को स्पेशल प्रोटेक्शन ग्रुप (एसपीजी) में अप्वाइंट किया गया। 1985 से 1990 तक उन्होंने एसपीजी में कई पदों पर काम किया। वे पीएमओ में असिस्टेंट डायरेक्टर भी रह चुके थे। उन्होंने भारतीय खुफिया एजेंसियों के लिए भी काम किया था।
मैनेजमेंट में पीएचडी की थी
अश्विनी कुमार का जन्म 15 नवंबर 1950 को हिमाचल प्रदेश के सिरमौर जिले के नाहन में हुआ था। उन्होंने किन्नौर जिले के कोठी गांव के पास सरकारी प्राइमरी स्कूल में अपनी शुरूआती पढ़ाई की। इसके बाद उन्होंने राष्ट्रीय इंडियन मिलिट्री कॉलेज देहरादून और बिलासपुर के सरकारी कॉलेज से पढ़ाई की। उनका ग्रेजुएशन हिमाचल प्रदेश के नाहन स्थित सरकारी कॉलेज से हुआ। उन्होंने हिमाचल प्रदेश यूनिवर्सिटी से मैनेजमेंट में पीएचडी की थी।