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राज्य स्तरीय साइबर पुलिस थाना से साइबर अपराधों की जांच में आएगी तेजी- भूपेश बघेल

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मुख्यमंत्री ने पुलिस मुख्यालय में राज्य साइबर पुलिस थाना का किया शुभारंभ

सभी पुलिस रेंज मुख्यालयों में भी शुरू किए जाएंगे साइबर पुलिस थाना

रायपुर। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने वीडियो कॉन्फ्रेंस से आज पुलिस मुख्यालय में स्थापित राज्य साइबर पुलिस थाना का शुभारंभ किया। उन्होंने इस मौके पर पुलिस विभाग को बधाई देते हुए कहा कि राज्य में होने वाले साइबर अपराधों के नियंत्रण के लिए पुलिस विभाग की यह अच्छी पहल है। इससे विभिन्न प्रकार के साइबर अपराधों को तेजी से सुलझाने में सहायता मिलेगी। साथ ही यहां से अन्य पुलिस थानों को भी साइबर अपराधों के अनुसंधान में जरूरी मार्गदर्शन एवं तकनीकी मदद मिल सकेगी।

मुख्यमंत्री ने वीडियो कॉन्फ्रेंस से राज्य साइबर पुलिस थाना का मुआयना भी किया। उनके साथ आॅनलाइन शुभारंभ कार्यक्रम में गृहमंत्री ताम्रध्वज साहू, मुख्यमंत्री एवं गृह विभाग के अपर मुख्य सचिव सुब्रत साहू, विशेष पुलिस महानिदेशक आर.के. विज और चिप्स के मुख्य कार्यपालन अधिकारी समीर बिश्नोई भी मौजूद थे। वहीं पुलिस मुख्यालय से वीडियो कॉन्फ्रेंस से पुलिस महानिदेशक डी.एम. अवस्थी, विशेष पुलिस महानिदेशक अशोक जुनेजा और अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक हिमांशु गुप्ता भी कार्यक्रम में शामिल हुए।
मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने शुभारंभ कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि पुलिस मुख्यालय का यह साइबर थाना लोगों को साइबर अपराधों के प्रति लगातार जागरूक करे, जिससे कि वे सोशल मीडिया के माध्यम से घटने वाले अपराध एवं वित्तीय धोखाधड़ी के शिकार न हो सकें। उन्होंने स्कूल, कॉलेज, विकासखंड एवं पंचायत स्तर तक जाकर नागरिकों को जागरूक करने कहा। मुख्यमंत्री ने कहा कि साइबर अपराधों में तकनीक का इस्तेमाल और डॉटा चोरी लगातार बढ़ रही है। इनकी रोकथाम के लिए पुलिस को भी तकनीकी रूप से दक्ष होना होगा। उन्होंने पुलिस बल को इसके लिए जरूरी तकनीकी प्रशिक्षण और उपकरण भी उपलब्ध कराने कहा।
गृहमंत्री ताम्रध्वज साहू ने कार्यक्रम में कहा कि रोजमर्रा के जीवन में इंटरनेट और तकनीक का उपयोग बढ़ रहा है। इसने जहां लोगों को कई सुविधाएं दी हैं, वहीं आपराधिक प्रवृत्ति के लोगों द्वारा इसके दुरुपयोग से साइबर अपराध बढ़ रहे हैं। तकनीक में सेंध लगाकर और भय दोहन कर अपराधी नए-नए किस्म के अपराधों को अंजाम दे रहे हैं। जांच की अत्याधुनिक सुविधाओं और तकनीक से ही इन पर अंकुश लगाया जा सकता है। पुलिस विभाग अपराधों के अनुसंधान और कानून-व्यवस्था बनाए रखने के लिए लगातार नई तकनीकों को अपना रहा है। उन्होंने गृह विभाग के अधिकारियों को कहा कि वे भविष्य की जरूरतों के हिसाब से पूरी व्यवस्था और तैयारी रखें। साहू ने बताया कि मैदानी थानों और राज्य साइबर पुलिस थाना के बीच बेहतर समन्वय और मार्गदर्शन के लिए सभी पुलिस रेंज मुख्यालयों में भी इस तरह के साइबर पुलिस थानों की स्थापना की जाएगी।
विशेष पुलिस महानिदेशक आर.के. विज ने कार्यक्रम में बताया कि राज्य साइबर पुलिस थाना में सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम (यथा संशोधित)-2000 के अंतर्गत बड़े मामलों को पंजीबद्ध कर उनकी विवेचना की जाएगी। शेष साइबर प्रकरण पूर्वानुसार सामान्य थानों में पंजीबद्ध किए जाते रहेंगे। महत्त्वपूर्ण प्रकरणों की विवेचना के साथ ही यह थाना न केवल सभी जिला इकाईयों को सूचना-प्रौद्योगिकी से जुड़े मामलों पर मार्गदर्शन देगा, बल्कि केन्द्र सरकार के साइबर अपराध से संबंधित विभिन्न पोर्टल्स और अंतरराज्यीय मामलों में समन्वय संबंधित कार्यों को भी अंजाम देगा। राज्य साइबर पुलिस थाना में उप पुलिस अधीक्षक स्तर के अधिकारियों को विवेचना अधिकारी बनाया गया है। उन्होंने बताया कि इलेक्ट्रॉनिक सबूतों की जांच के लिए पुलिस मुख्यालय में लैब भी स्थापित किया गया है। राज्य साइबर पुलिस थाना के शुभारंभ कार्यक्रम में सभी पुलिस रेंजों के महानिरीक्षक, पुलिस मुख्यालय के विभिन्न शाखाओं के वरिष्ठ अधिकारी एवं अनेक जिलों के पुलिस अधीक्षक भी वीडियो कॉन्फ्रेंस से शामिल हुए।