छत्तीसगढ़ सरकार स्वच्छता, स्वास्थ्य, कुपोषण के खिलाफ लड़ाई और पर्यावरण संरक्षण के लिए अनवरत काम कर रही है : मुख्यमंत्री भूपेश बघेल
रायपुर । मुख्यमंत्री भूपेश बघेल आज अपने निवास कार्यालय से राष्ट्रपिता महात्मा गाँधी जी की 151वीं जयंती के अवसर पर एनडीटीवी द्वारा आयोजित ‘बनेगा स्वस्थ इंडिया’ लाईव कार्यक्रम में अपने निवास कार्यालय से आॅनलाईन शामिल हुए। मुख्यमंत्री ने कहा कि सुपोषण अभियान, हाट-बाजार क्लिनिक योजना, सुराजी गांव योजना तथा वृहद वृक्षारोपण कार्यक्रम के जरिए छत्तीसगढ़ सरकार स्वच्छता, स्वास्थ्य, कुपोषण के खिलाफ लड़ाई और पर्यावरण संरक्षण की दिशा में लगातार काम कर रही है। इस कार्यक्रम में अभिनेता अमिताभ बच्चन, अभिनेत्री भूमि पेडनेकर सामाजिक कार्यकर्ता मेघा पाटकर जैसे कई सेलेब्रिटी शामिल हुए।
मुख्यमंत्री बघेल ने इस कार्यक्रम में छत्तीसगढ़ में कोरोन संक्रमण के संबंध में पूछे गए सवाल का जवाब देते हुए कहा कि छत्तीसगढ़ राज्य सात राज्यों से घिरा है। इसके बावजूद भी राज्य में कोरोना संक्रमण की स्थिति पूरी तरह से नियंत्रित है। मुख्यमंत्री ने राज्य में कोरोना संक्रमण की रोकथाम हेतु किए गए एहतियाती उपायों के बारे में जानकारी देते हुए बताया कि हमने संक्रमण के शुरूआती दौर में ही राज्य की सीमाओं को सील किया, जिससे बाहरी लोगों का आवागमन नहीं हुआ। वर्तमान समय में लॉकडाउन हटने और आवागमन चालू होने के कारण राज्य में कोरोना संक्रमित मरीजों की संख्या में इजाफा हुआ है। मुख्यमंत्री ने कहा कि इसके बावजूद भी स्थिति नियंत्रण में है। आने वाले समय में कोरोना की लड़ाई जरूर जीतेंगे।
मुख्यमंत्री बघेल ने आगे कहा कि हम दोबारा लॉकडाउन के पक्ष में नहीं हैं। राज्य सरकार द्वारा कोरोना से संक्रमित लोगों के इलाज के लिए बेहतर व्यवस्था सुनिश्चित करने के साथ ही होम आइसोलेशन को बढ़ावा दिया जा रहा है। राज्य सरकार दवाइयों का वितरण घर-घर कर रही है और प्रत्येक जिले में कॉल सेंटर्स के माध्यम से डॉक्टर और विशेषज्ञों की टीम मरीजों को लगातार चिकित्सकीय परामर्श दे रही है।
मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने स्वच्छता, स्वास्थ्य एवं पर्यावरण विषय पर चर्चा करते हुए कहा कि तीनों महत्वपूर्ण विषय है और इनका एक-दूसरे से परस्पर संबंध भी है। उन्होंने आगे बताया कि जहां तक स्वच्छता की बात की जाए तो राज्य में 10 हजार महिला स्व-सहायता समूह हैं, जो लगातार इस दिशा में काम कर रहीं हैं, जिसका परिणाम है कि स्वच्छता सर्वे में सर्वाधिक ओडीएफ प्लस गांव के मामले में छत्तीसगढ़ राज्य ने देश में दूसरा स्थान प्राप्त किया है। मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य में 16 हजार टन कचरे का निपटान किया जाता है। राज्य में ‘स्वच्छ दीक्षा’ कार्यक्रम की भी शुरूआत की गई है जिसके अंतर्गत अनेक राज्यों के प्रतिनिधियों ने यहां आकर प्रशिक्षण भी प्राप्त किया है। इसके साथ ही नेपाल एवं भूटान के प्रतिनिधियों ने भी राज्य के इस स्वच्छता अभियान को देखा और सीखा है। राज्य को स्वच्छ बनाने के लिए महिलाएं यहां लगातार कार्य कर रही हैं। यहां कचरे के परिवहन के लिए ई-रिक्शा का उपयोग किया जा रहा है। जिससे ईंधन की खपत में लगने वाले राशि की बचत हो रही है। इससे स्वच्छता अभियान में लगी हजारों ‘स्वच्छता दीदियों’ को भी लाभ हो रहा है। अब उनका मानदेय 5 हजार रुपये से बढ़कर 6 हजार रुपए कर दिया गया है।
राज्य शासन की महत्वाकांक्षी योजना नरवा, गरुवा, घुरुवा और बाड़ी के अंतर्गत अब गोबर का क्रय कर एकत्रित किया जा रहा है। हरेली तिहार से प्रारंभ गोधन न्याय योजना के तहत दो महीनों में ही 11 लाख क्विंटल गोबर गौठानों में क्रय किया गया हैं और लगभग 20 करोड़ रुपये की राशि का भुगतान किया गया है। गोधन न्याय योजना से जहां एक ओर स्वच्छता को बढ़ावा मिला है, वहीं दूसरी ओर लोगों के आय में वृद्धि भी हो रही है। भूमिहीन श्रमिकों के लिए यह योजना बहुत ही लाभकारी सिद्ध हुई है। मुख्यमंत्री बघेल ने कहा कि यह योजना देश के साथ ही पूरे विश्व में पहली ऐसी योजना है। जिसमें राज्य शासन गोबर का क्रय कर रही है। इससे परिवेश को स्वच्छ बनाने के साथ ही पशुपालकों के आय में वृद्धि भी हो रही है।
मुख्यमंत्री बघेल ने कहा कि छत्तीसगढ़ में 44 प्रतिशत भू-भाग वनाच्छादित है जो कि पूरे देश में वनावरण का 17 प्रतिशत है। उन्होंने कहा कि दूसरे शब्दों में कहा जा सकता है कि देश को आॅक्सिजन देने में छत्तीसगढ़ का 17 प्रतिशत योगदान है। इस वर्ष हमने निश्चय किया है कि वृक्षारोपण कार्यक्रम में अब फलदार वृक्षों के रोपण को प्राथमिकता प्रदान की जाएगी जिससे वनांचल में रहने वाले हमारे आदिवासी समुदाय को आने वाले समय में रोजगार का साधन मिले और उनकी आय में भी वृद्धि हो।
मुख्यमंत्री बघेल ने बताया कि राज्य में 37.7 प्रतिशत बच्चे कुपोषित हैं। छत्तीसगढ़ को कुपोषण मुक्त राज्य बनाने के लिए बीते वर्ष 2 अक्टूबर को मुख्यमंत्री सुपोषण अभियान की शुरूआत की गई थी। मुझे यह बताते हुए प्रसन्न्ता हो रही है कि इस योजना से एक वर्ष में ही राज्य के 5 लाख कुपोषित बच्चों में से 68 हजार बच्चे कुपोषण से मुक्त हुए हैं। जो कि लगभग 13 प्रतिशत हैं। इसी प्रकार मुख्यमंत्री हाट-बाजार योजना क्लीनिक के तहत वनांचलों में मेडिकल टीम प्रत्येक हाट-बाजार में जाकर सेवाएं दे रही हैं। कोरोना संकट के इस दौर से पूर्व तक 26 हजार चिकित्सा कैम्पों का आयोजन इस योजना के अंतर्गत किया गया, जिससे लगभग 8 लाख लोग लाभन्वित हुए हैं। इस प्रकार राज्य सरकार स्वच्छता, स्वास्थ्य, कुपोषण के खिलाफ लड़ाई और पर्यावरण संरक्षण की दिशा में अनवरत कार्य कर रही है।