भोपाल। मध्यप्रदेश में जल्द ही नई किसान योजना बनाई जाएगी। इसके बाद किसानों को जगह-जगह भटकने की जरूरत नहीं होगी। मेरी योजना है कि अब योजनाओं की जगह सीधे सब्सिडी का पैसा किसानों के सीधे खातों में जाए। इससे बीच में आने वाली कंपनियों का खेल खत्म हो जाएगा। मैं इस संबंध में प्रधानमंत्री से बात कर सभी तरह की योजनाओं को दी जाने वाली सब्सिडी सीधे किसान के खाते में पहुंचाने का अनुरोध करूंगा। यह बात शनिवार को मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने सीएम किसान कल्याण योजना का शुभारंभ करते हुए कही।
उन्होंने कहा कि अब कोई भी किसान अपनी मर्जी से अब अपनी फसल कहीं भी बेच सकता है। उसे मंडी में ट्रैक्टर तक ले जाने की जरूरत नहीं है। अगर उसे कहीं उचित दाम नहीं मिल रहा है तो सरकार उसकी फसल खरीद ही रही है। प्रधानमंत्री ने किसान को उनका हक दिया है। ऐसे में दूसरे लोगों को तकलीफ क्या हो रही है। यह तकलीफ इसलिए है क्योंकि किसानों को आत्मनिर्भर नहीं होना दिया जाना चाहते हैं।
77 लाख किसानों को लाभ मिलेगा
शिवराज ने भोपाल के मिंटो हॉल में आयोजित कार्यक्रम में मुख्यमंत्री कल्याण योजना के तहत किसानों के खाते में आॅनलाइन रुपए जमा किए। 77 लाख किसानों को इसका लाभ मिलेगा। शुक्रवार को भी 5 लाख से ज्यादा किसानों के खाते में पैसे गया। इस दौरान उन्होंने किसानों से भी बात की।
भोपाल के किसान से बात की
सीएम ने भोपाल के परवलिया के किसान राधेश्याम से पीएम किसान योजना के बारे में पूछा। राधेश्याम ने कहा कि उनके पास तीन एकड़ जमीन है। प्रधानमंत्री के 6 हजार और सीएम से 4 हजार मिलने से बड़ी मदद मिलेगी। अब बीच में जरूरत होने पर किसी के पास नहीं जाना पड़ेगा। सीएम ने बताया कि पीएम की तरफ से तीन किस्त में यह रुपए किसानों के खाते में जाएंगे। सीएम की तरफ से दो-दो हजार रुपए की दो किस्त जाएंगी। नए बिल से किसानों को लाभ होगा।
सीमांक एप का शुभारंभ
किसान के लिए सीमांक एप का शुभारंभ किया गया। इसमें किसानों की जमीन से संबंधी सभी जानकारियां शामिल हैं। सभी किसानों को जमीन से जुड़ी जानकारी एक एप के जरिए प्राप्त हो सकेगी। ये हिंदी, अंग्रेजी दोनों भाषाओं में काम करता है। एक विशेषता लाइव मैप की सहायता से क्षेत्रफल और लोकेशन प्राप्त कर सकता है। जमीन से जुड़ी जानकारी तत्काल आसानी से प्राप्त की जा सकती है।
सब्सिडी तय कर लेते हैं
शिवराज ने कहा कि सब्सिडी को लेकर एक काम करते हैं, मेरे मंत्री भी बैठें हैं। किसान फसल बीमा से लेकर खाद, नलकूप, पॉली हाउस, वेयर हाउस और पशु समेत किसानों के लिए अन्य तरह की योजनाएं हैं। यह कंपनी के माध्यम से किसानों तक पहुंचाई जाती हैं। इन सबकी सब्सिडी तय कर लेते हैं और उसे बांटकर किसानों के खातों में सीधे डाल देते हैं। अब किसान खुद ही तय कर ले, उसे क्या करना है। ऐसे में कोई खेल नहीं हो पाएगा। खाद में भी खेल होता है। कंपनी छोड़ों और किसान के खाते में अब पैसा डाल दो। किसान खुद बाजार में जाकर खरीदकर लें, सब मिलकर तय करेंगे। सीएम ने कहा कि इस संबंध में प्रधानमंत्री से बात करूंगा। अगर तय हो गया तो कहीं कोई आवेदन करने की जरूरत नहीं है। कंपनी का खेल खत्म हो जाएगा। किसान और सरकार सीधे जुड़ जाएंगे।
सिर्फ विरोध की राजनीति नहीं होना चाहिए
शिवराज ने कहा कि मेहनत करके हम (किसान) अनाज मंडी तक ले जाएं। वहां अधिकारी दाने उछालकर देखते हैं और कहते हैं- ठीक नहीं है। यहां तक की भटा पर भी 8% कमीशन काट रहे है। नए बिल में यह है कि अगर मंडी में बेचना है तो मंडी में बेचो। मंडी बंद नहीं होंगी। प्रधानमंत्री और मध्य प्रदेश का मुख्यमंत्री कह रहा है। कोई चिंता की बात नहीं है।
मंडी बंद नहीं होंगी और मंडियां बनाएंगे। लेकिन अगर कोई मेरी फसल खेत से ही खरीद ले जाए। अच्छे दाम भी दे तो बुराई क्या है। इसमें आप मुझे दादागिरी कैसे कर सकते हो कि इसी मंडी में जाकर फसल बेचो। सिर्फ विरोध की राजनीति नहीं होना चाहिए।