भोपाल। मध्यप्रदेश विधानसभा सत्र महज 90 मिनट में पांच विधेयक पारित होने के बाद अनिश्चितकाल के लिए स्थगित हो गया है। यह अब तक सबसे छोटा विधानसभा सत्र कहा जा रहा। सत्र शुरू करते हुए अध्यक्ष ने सबसे पहले दिवंगतों के सम्मान में दो मिनट का मौन रखा और 5 मिनट के लिए सत्र स्थगित कर दिया था। इसके बाद दोबारा सदन की कार्यवाही शुरू की गई। सबसे पहले संसदीय कार्य मंत्री ने आदेश पत्रों को पटल पर रखा। अध्यक्ष ने सदन को विधानसभा की सदस्यता से त्यागपत्र देने वालों की सूचना दी और फिर कार्यवाही शुरू की गई।
वित्त मंत्री की अनुपस्थिति में संसदीय कार्य मंत्री ने उनका कार्य संभाला। सबसे पहले धन विधेयक विनियोग सदन में प्रस्तुत किया गया। इस पर कांग्रेस ने चर्चा कराने की मांग की, लेकिन सरकार ने मना कर दिया। सरकार कहना था कि पहले ही बैठक में इस पर चर्चा हो चुकी है। ऐसे में इस पर चर्चा करने की जरूरत नहीं है। इसके बाद मध्य प्रदेश विनियोग विधेयक 2020 पारित हो गया। संसदीय कार्य मंत्री ने समस्त विभागों को अनुदान मांगों का एक साथ प्रस्ताव प्रस्तुत किया। मुख्य सचेतक गोविंद सिंह और नेता प्रतिपक्ष ने चर्चा कराने का अनुरोध किया। संसदीय कार्य मंत्री ने सर्वदलीय बैठक का उल्लेख करते हुए मना कर दिया।
महज डेढ़ घंटे चली कार्रवाई
विधानसभा की कार्यवाही सबसे कम समय महज डेढ़ घंटे में संपन्न हो गई। इस दौरान सदन में सभी सदस्य अपनी सीट पर बैठे रहे। इस दौरान 5 विधेयक पर संशोधन पारित कर दिए गए। मुख्यमंत्री ने अपने भाषण में वर्ष 2019 और कोरोना की स्थिति साफ की।
इसलिए सत्र बुलाया जाना जरूरी था
विधानसभा के दो सत्रों के बीच में अधिकतम छह महीने का अंतर रह सकता है। ऐसे में कानून के अनुसार इसे बुलाया जाना जरूरी था। इसी के तहत मध्य प्रदेश विधानसभा का सत्र बुलाया गया। विपक्षी दलों की सहमति से इसकी रूपरेखा तैयार की गई थी। पहले से तय विधेयक रखे गए और कार्यवाही शुरू हुई। इसी कारण पहली बार बिना किसी विरोध के यह संपन्न हो गई।
यह विधायक पारित हुए
मध्यप्रदेश विनियोग विधेयक 2020 पारित हुआ
मध्यप्रदेश माल और सेवा कर संशोधन विधेयक 2020
मध्यप्रदेश नगर पालिका विधि संशोधन विधेयक 2020
मध्यप्रदेश साहूकार संशोधन विधेयक 2020
अनुसूचित जनजाति ऋण विमुक्ति विधेयक 2020
नेता प्रतिपक्ष ने उठाया कोरोना का मुद्दा
पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने विधेयक पारित होने के बाद मुख्यमंत्री के भाषण के दौरान कोरोना के संबंध में मुद्दा उठाया। उन्होंने मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान से स्थिति साफ करने को कहा। उन्होंने कहा कि कोरोना से हालत बिगड़ रहे हैं। निजी अस्पताल में मनमानी चल रही है। उस पर भी मुख्यमंत्री स्थिति साफ करें। मुख्यमंत्री ने कमलनाथ के सवाल पर जबाव दिया। कार्यवाही पूरी तरह से शांतिपूर्वक होने के बाद स्थगित कर दी गई।