राज्यपाल सुश्री उइके ने छत्तीसगढ़ के निर्दोष आदिवासी की हत्या के मामले को गंभीरता से लिया
मध्यप्रदेश के राज्यपाल से चर्चा करने का दिया आश्वासन
रायपुर। छत्तीसगढ़ के वन मंत्री मोहम्मद अकबर ने आज प्रदेश की राज्यपाल सुश्री अनुसूईया उईके से दूरभाष पर चर्चा की। उन्होंने राज्यपाल सुश्री उइके को छत्तीसगढ़ के कबीरधाम जिला निवासी दो आदिवासी भाइयों पर मध्यप्रदेश पुलिस द्वारा अकारण गोली चलाने से एक आदिवासी की हुई मौत के मामले की जानकारी देकर उनसे हस्तक्षेप करने का आग्रह किया। चर्चा के दौरान वन मंत्री मोहम्मद अकबर ने बताया कि इस मामले को लेकर मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री और गृह मंत्री को दो अलग-अलग पत्र लिखे हैं। इसके बावजूद मध्यप्रदेश सरकार ने कोई विधि सम्मत कार्रवाई नहीं की है।
छत्तीसगढ़ की राज्यपाल सुश्री अनुसूईया उईके आज छिंदवाड़ा (मध्यप्रदेश) के प्रवास पर थीं। दूरभाष पर उन्हें वन मंत्री मोहम्मद अकबर ने बताया कि कबीरधाम जिले के बोड़ला विकासखंड अंतर्गत ग्राम बालसमुंद निवासी झामसिंह ध्रुर्वे व उसका चचेरा भाई नेमसिंह धु्रर्वे 06 सितम्बर 2020 को मछली पकड़ने गए थे। वापस लौटते समय मध्यप्रदेश पुलिस के सिपाहियों ने उन्हें रोका। जब डर की वजह से वे दोनों आदिवासी भाई भागने लगे तो छत्तीसगढ़ की सीमा में घुसकर गोली मारकर झामसिंह ध्रुर्वे की हत्या कर दी गई तथा नेमसिंह ध्रुर्वे की हत्या का प्रयास किया गया। झामसिंह धु्रर्वे की मृत्यु छत्तीसगढ़ राज्य के सीमा के अंदर हुई थी। उनके मृत शरीर को मध्यप्रदेश पुलिस के द्वारा घटना स्थल से हटाकर मध्यप्रदेश ले जाया गया। घटना स्थल पर लगे खून के दाग को मिटाने का भी प्रयास किया गया। विगत 07 सितम्बर 2020 को जिला बालाघाट के गढ़ी नामक स्थान में पोस्टमार्टम कराने के पश्चात मृतक के परिजनों को मृत शरीर सौंपा गया।
राज्यपाल सुश्री उइके को कलेक्टर, कबीरधाम के तथ्यात्मक प्रतिवेदन की भी जानकारी दी गई है। उक्त प्रतिवेदन में बताया गया है कि घटना को मध्यप्रदेश सरकार के द्वारा पुलिस-नक्सली मुठभेड़ बताने का प्रयास किया जा रहा है, जबकि इन दोनों व्यक्तियों का किसी भी प्रकार की नक्सली गतिविधियों से कोई संबंध नहीं था। वन मंत्री मोहम्मद अकबर ने प्रदेश की राज्यपाल सुश्री अनुसूईया उईके से इस मामले में हस्तक्षेप का आग्रह किया। निर्दोष आदिवासियों पर गोली चलाने से हुई मौत के मामले को राज्यपाल सुश्री अनुसूईया उईके ने गंभीरता से लिया है। उन्होंने वन मंत्री मोहम्मद अकबर को आश्वासन दिया है कि इस मामले में मध्यप्रदेश की राज्यपाल से चर्चा करेंगी। राज्यपाल सुश्री उइके को वनमंत्री मोहम्मद अकबर द्वारा इस मामले में हस्तक्षेप करने के अनुरोध का पत्र भी उनके कार्यालय प्रेषित किया गया है। पत्र के साथ कलेक्टर कबीरधाम के तथ्यात्मक प्रतिवेदन की प्रतिलिपि भी संलग्न की गई है।