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कोलकाता पुलिस कमिश्नर को सीबीआई के समक्ष पूछताछ के लिए हाजिर होना पड़ेगा…..20 फरवरी को होगी मामले की अगली सुनवाई

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नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने आज कोलकाता पुलिस कमिश्नर को फौरी राहत देते हुए उनकी गिरफ्तारी पर रोक लगा दी। लेकिन उन्हें सीबीआई के समक्ष पूछताछ के लिए हाजिर होना पड़ेगा। सीजेआई ने कोलकाता पुलिस कमिश्नर से जांच में सहयोग करने को कहा है। सुप्रीम कोर्ट ने अदालत की अवमानना के मामले में कोलकाता पुलिस कमिश्ननर, डीजीपी और पश्चिम बंगाल सरकार को नोटिस जारी किया। वहीं सुप्रीम कोर्ट में 20 फरवरी को होगी मामले की अगली सुनवाई। इस बीच पुलिस कमिश्नर राजीव कुमार शिलॉन्ग में सीबीआई के सामने पेश होंगे। सुनवाई के दौरान पश्चिम बंगाल सरकार की ओर से पेश हुए वकील अभिषेक मनु सिंघवी ने कहा कि यह अपमान और नंबर पाने की कोशिश है। इतनी जल्दबाजी क्या थी पांच साल तक कोई एफआईआर नहीं हुई। आईपीसी की धारा 201 के तहत राजीव कुमार के खिलाफ कोई भी एफआईआर नहीं है। इससे पहले कोर्ट ने सोमवार को सख्त शब्दों में कहा कि यदि रंचमात्र भी यह पता चला कि पुलिस आयुक्त साक्ष्य नष्ट करने का प्रयास कर रहे हैं तो उनके साथ सख्ती से पेश आया जायेगा। शीर्ष अदालत ने कहा कि केंद्रीय जांच ब्यूरो के आवेदनों पर मंगलवार को सुनवाई की जायेगी जिनमें आरोप लगाया गया है कि असाधारण परिस्थितियां उत्पन्न होने की वजह से उसने यह आवेदन दायर किये हैं जिसमें पश्चिम बंगाल पुलिस के शीर्ष अधिकारी कोलकाता में एक राजनीतिक दल के साथ धरना दे रहे हैं। प्रधान न्यायाधीश रंजन गोगोई और न्यायमूर्ति संजीव खन्ना की पीठ के समक्ष जांच ब्यूरो की ओर से सोमवार को सॉलिसीटर जनरल तुषार मेहता ने कोलकाता के पुलिस आयुक्त राजीव कुमार पर शारदा चिटफंड घोटाले से संबंधित मामले के साक्ष्य नष्ट करने और न्यायालय की अवमानना का आरोप लगाते हुये इसका उल्लेख किया। पीठ ने हालांकि इन आवेदनों पर सोमवार को अपराह्न के सत्र में सुनवाई करने से इंकार कर दिया। पीठ ने कहा कि इस दौरान सॉलिसीटर जनरल या कोई भी अन्य पक्ष ऐसी सामग्री या साक्ष्य न्यायालय में पेश कर सकता है जिससे यह पता चलता हो कि पश्चिम बंगाल में प्राधिकारी या पुलिस अधिकारी इस मामले से संबंधित साक्ष्य नष्ट करने की कोशिश कर रहे हैं या इसकी योजना बना रहे हैं। पीठ ने कहा कि इस तरह की सारी सामग्री और साक्ष्य उसके समक्ष हलफनामे के माध्यम से दायर किये जाने चाहिए। सॉलिसीटर जनरल की दलीलों का संज्ञान लेते हुये पीठ ने कहा कि यदि रंचमात्र भी यह पता चला कि पुलिस आयुक्त साक्ष्य नष्ट करने का प्रयास कर रहे हैं तो हम उनसे सख्ती से पेश आयेंगे और वह इसे भूलेंगे नहीं।