Home मध्यप्रदेश शिवराज सरकार घटिया चावल बांटने वाले मामले की जांच ईओडब्ल्यू से कराएगी

शिवराज सरकार घटिया चावल बांटने वाले मामले की जांच ईओडब्ल्यू से कराएगी

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भोपाल। बालाघाट में गरीबों को घटिया चावल बांटने के मामले की जांच आर्थिक अपराध शाखा (ईओडब्ल्यू) करेगी। सीएम शिवराज सिंह चौहान ने गुरुवार को अधिकारियों के साथ बैठक में मामले की जांच के आदेश दे दिए। वहीं बालाघाट में राइस मिलर्स से चावल जमा कराने पर रोक लगाई गई है। कलेक्टर दीपक आर्य ने इस मामले में 18 राइस मिलर्स संचालकों वेयर हाउस कारपोरेशन एवं नागरिक आपूर्ति निगम के 9 कर्मचारियों के खिलाफ एफआईआर कराई है। वहीं 8 राइस मिलों को सील कर दिया गया है।

असल में, एक महीने पहले बालाघाट में खाद्य विभाग के उपायुक्त भारत सरकार विश्वजीत हलधर ने 30 जुलाई से 02 अगस्त तक बालाघाट जिले के गोदामों एवं उचित मूल्य दुकानों का निरीक्षण किया था। इसमें बालाघाट जिले के गोदामों में अमानक स्तर का चावल पाया गया है, जो कि मनुष्य के खाने योग्य नहीं था। खाद्य अपमिश्रण निवारण अधिनियम के तहत निम्न श्रेणी का पाया गया है। घटिया चावल बांटने का मामला उजागर होने के बाद पीएमओ ने सरकार से मामले की पूरी जानकारी मांगी थी।

रिपोर्ट में कहा गया था- वो चावल जानवरों के खाने लायक थे
लॉकडाउन के दौरान केंद्र सरकार ने राज्यों से गरीबों को राशन वितरण करने के आदेश दिए थे। इसी को लेकर प्रदेश के मंडला और बालाघाट समेत सभी जिलों के गरीबों को चावल बांटे गए थे। मंडला और बालाघाट में हितग्राहियों ने घटिया चावल मिलने की शिकायत की थी। जिस पर केंद्र सरकार की जांच एजेंसी ने चावलों की गुणवत्ता की जांच की थी। जांच में पाया गया कि जो चावल गरीबों में बांटे गए थे वो जानवरों के खिलाने लायक थे।

विपक्ष सरकार पर बोला हमला
घोटाला सामने आने के बाद विपक्ष शिवराज सरकार पर हमलावर हो गया था। इस मुद्दे पर दो दिन से सियासत चल रही है। पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने सरकार पर सवाल उठाए थे और दोषी अधिकारियों के सख्त सजा देने की मांग की थी। कांग्रेस के नेता भूपेंद्र गुप्ता ने शिवराज सरकार को क्रूर तक कह दिया था। जबकि घटिया चावल परोसने का मामला के उजागर होने के बाद भी इसकी जानकारी खाद्य एवं आपूर्ति मंत्री बिसाहूलाल साहू को नहीं थी।

मामला उजागर होने के बाद एक्शन में आई सरकार
घटिया चावल परोसने का मुद्दा उजागर होने के बाद जमकर सियासत हुई। इसके बाद जागी सरकार ने दोनों जिले में संबंधित अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की। वहीं पूरे प्रदेश में चावलों की जांच के लिए एफसीआई के साथ टीम गठित की थी। टीम ने रात में ही बालाघाट में कार्यवाही करके 8 मिलों को सील कर दिया। जबकि 10 राइस मिलों के खिलाफ उसकी जांच चल रही है। कलेक्टर ने मध्यप्रदेश पूर्व क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी, बालाघाट के अधीक्षण अभियंता को निर्देश दिया है कि वे अमानक स्तर का चावल प्रदान करने वाली 18 राइस मिलों का बिजली कनेक्शन तत्काल काट दें।