इंदौर। लॉकडाउन के बाद से स्कूलों द्वारा अभिभावकों पर स्कूल फीस भरने को लेकर लगातार दबाव बनाया जा रहा है। कभी ऑनलाइन क्लास के नाम पर तो कभी ट्यूशन फीस के नाम पर। अभिभावक स्कूलों की मनमानी के खिलाफ अब सड़क पर उतर रहे हैं। शुक्रवार को भी कुछ महिलाओं ने इसी मुद्दे को लेकर मुख्यमंत्री का काफिला रोक लिया था। शनिवार को मुख्यमंत्री ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए इंदौर में अधिकारियों से इस मुद्दे को लेकर बात की। उन्होंने कहा कि वे महिलाएं बेहद दुखी थीं। इस मामले में प्रबंधन को बुलाकर जल्द निर्णय लें। कोई भी स्कूल संचालक ऐसी मनमानी नहीं कर सकता। इस मामले को लेकर हम एक्ट बनाने पर भी विचार कर रहे हैं।
मुख्यमंत्री ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए अधिकारियों से स्कूल फीस वृद्धि को लेकर बात की। उन्होंने शुक्रवार को उनके काफिले को रोककर फीस मामले में बात करने वाली महिला का जिक्र करते हुए कहा कि वे बहुत दुखी थीं। क्योंकि ट्यूशन फीस ही कई गुना बढ़ा दी गई। इस मामले में नीतिगत फैसला लेते हुए मैं निर्देश देता हूं कि कोई भी स्कूल मनमानी फीस वृद्धि कर उसे वसूल नहीं सकते। फीस को लेकर हम एक्ट बनाने पर भी विचार कर रहे हैं। अधिकारियों से कहा कि जल्द स्कूल प्रबंधन को बुलाकर बात करें। अधिकारियों ने कहा कि अस्पताल में ज्यादा बिल और स्कूल फीस मामले में आज हम बैठक कर रहे हैं।
यह है मामला
बायपास से पिपलियाहाना चौराहे की ओर शुक्रवार को सीएम शिवराज सिंह चौहान के काफिले को अग्रवाल पब्लिक स्कूल के बाहर कुछ पालकों ने रोक लिया था। पालकों ने इस दौरान सीएम को अपनी व्यथा बताते हुए कहा कि मैं एक पैरेंट होने के नाते इंदौर के सभी पैरेंट्स की ओर से आपसे एक निवेदन करना चाहती हूं कि ये जो फीस का मुद्दा है। आप जल्दी से जल्दी इसको सॉल्व करें। पैरेंट काफी परेशान हैं। आज मुझे अग्रवाल पब्लिक स्कूल के बाहर खड़े होते हुए तीन घंटे हो गए। हमें स्कूल के अंदर भी घुसने नहीं दिया गया। आप इस मुद्दे को उठाइये सर। सीएम ने आश्वस्त किया था कि आप चिंता मत करिए मैं इसको दिखवाता हूं।