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चंद्रिका राय ने दिए बेटी ऐश्वर्या के चुनाव लड़ने का संकेत

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पटना। बिहार में विधानसभा चुनाव की तैयारियों के बीच नेताओं द्वारा दलबदल करने के मामले बढ़ गए हैं। गुरुवार को राष्ट्रीय जनता दल के तीन विधायक, जनता दल यूनाइटेड शामिल हो गए हैं। इसे मुख्यमंत्री नीतीश कुमार द्वारा लालू प्रसाद यादव को दिया जाने वाला सबसे बड़ा झटका भी माना जा रहा है। आज लालू के समधी चंद्रिका राय सहित आरेजडी विधायक जयवर्धन यादव और फराज फातमी ने जेडीयू की सदस्यता ग्रहण की। जेडीयू में शामिल होने के बाद लालू के समधी चंद्रिका राय मीडिया से बात करते हुए आरजेडी पर जमकर बरसे। चंद्रिका राय ने कहा कि लालू के बेटे तेजप्रताप यादव ने लोकसभा प्रत्याशी के खिलाफ काम किया लेकिन फिर भी पार्टी ने उनके खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की। इसी दौरान चंद्रिका ने अपनी बेटी ऐश्वर्या को लेकर इशारा दिया कि वो जेडीयू के टिकट पर बिहार की महुआ सीट से चुनाव लड़ सकती हैं।

महुआ विधानसभा सीट से विधायक हैं तेजप्रताप
चंद्रिका राय ने एक निजी चैनल से बातचीत ने पूछे गए सवाल के जवाब में कहा कि दोनों भाई (तेजप्रताप यादव और तेजस्वी यादव) कहां से चुनाव लड़ेंगे इसकी जानकारी हो तो बता दीजिए, सुना है कि दोनों भाई सुरक्षित सीट तलाश रहे हैं। चंद्रिका की इन बातों से ऐसा कयास लगाया जा रहा है कि तेजप्रताप के खिलाफ अपनी बेटी ऐश्वर्या को मैदान में उतार सकते हैं। बता दें कि तेजप्रताप फिलहाल वैशाली जिला की महुआ विधानसभा सीट से विधायक हैं, ऐसे में उम्मीद है कि जेडीयू की टिकट पर ऐश्वर्या यहां से उम्मीदवार हों।

‘नीतीश के नेतृत्व में काम करेंगे’
इससे पहले चंद्रिका राय ने पार्टी जॉइन करने के बाद कहा कि कहा कि आज आरजेडी गरीबों की पार्टी नहीं रही है। आज पार्टी पैसों वालों की पार्टी बन गई है। जिन गरीबों ने पार्टी को खड़ा किया आज उनकी बात नहीं सुनी जा रही है। पार्टी ने जो पुराने कार्यकर्ता हैं, उनकी अनदेखी की जा रहा है। आज आरजेडी व्यवसायिक पार्टी बन कर रह गई है। इसलिए हम लोगों ने पार्टी को छोड़ने का फैसला किया। नीतीश ने समाज को आगे बढ़ाने के लिए जिस प्रकार से काम किया है, उससे हम सभी प्रभावित हैं। अब हम लोग नीतीश के नेतृत्व में काम करेंगे।
चंद्रिका राय पहली बार 1985 में विधायक बने थे
चंद्रिका राय का राजनीतिक करियर 1985 में शुरू हुआ। पिता दारोगा राय की तरह कांग्रेस के टिकट पर 1985 में चुनाव लड़े और विधायक बने। 1990 में वे लालू प्रसाद की पार्टी में शामिल हो गए। 2005 और 2010 के चुनाव में चंद्रिका राय को जदयू के छोटेलाल राय ने हरा दिया, लेकिन 2015 में चंद्रिका ने फिर से जीत गए थे।