रायपुर। कोरोनाकाल में बच्चों की पढ़ाई प्रभावित न हो। वह लगातार और बेहतर रूप में जारी रहे, इसको लेकर अब छत्तीसगढ़ में कम्युनिटी यानी कि सामुदायिक शिक्षा की व्यवस्था की जाएगी। गांवों की पंचायतों में लाउडस्पीकर लगाकर शिक्षक क्लास लेंगे। वहीं आदिवासी क्षेत्रों में ब्लूटूथ के माध्यम से ऑडियो पाठ शेयर किया जाएगा। यह सारी कवायद इंटरनेट और मोबाइल की समस्या को देखते हुए की जा रही है।
स्कूल शिक्षा विभाग की मंगलवार को हुई वेबिनार में पढ़ाई की निरंतरता बनाए रखने के लिए विभिन्न वैकल्पिक उपायों पर चर्चा की गई। वेबिनार को विभाग के प्रमुख सचिव डॉ. आलोक शुक्ला और संचालक लोक शिक्षण (डीपीआई) जितेंद्र शुक्ला ने संबोधित किया। इसमें विभाग के अधिकारियों से लेकर संकुल स्तर के अधिकारी शामिल हुए। वहीं नवगठित प्रोफेशनल लर्निंग कम्युनिटी के सदस्य भी मौजूद रहे।
तीन विकल्पों पर होगा काम, शिक्षक स्वेच्छा से ले सकते हैं हिस्सा
- गांव और मोहल्लों में समुदाय सहायता : इसमें शिक्षक समुदाय के विशेष व्यक्तियों से गांवों और मोहल्लों में बच्चों को पढ़ाने के लिए व्यवस्था का अनुरोध करेंगे। शिक्षक यहां बच्चों को पढ़ाने के लिए एक कैलेंडर तैयार करेंगे और फिर उसी के अनुसार, समुदाय की सहायता से पढ़ाएंगे। इस संबंध में एससीईआरटी की ओर से समय-समय पर दिशा-निर्देश दिए जाएंगे। जो शिक्षा इसमें हिस्सा लेना चाहें, वह गूगल के इस लिंक http://forms.gle/IGXMHTGZwcmaSzpRA पर जाकर फार्म भर सकते हैं।
- लाउडस्पीकर स्कूल : पंचायतों की सहायता से लाउडस्पीकर के जरिए गांव में बच्चों को पढ़ाएंगे। ऐसा प्रयोग गांवों में प्रदेश के कई शिक्षकों ने शुरू भी किया है। अब इस सभी पंचायतों में लागू किया जा रहा है। इसके लिए भी शिक्षक स्वेछा से गूगल के लिंक http:forms.gle/acMV5yMEXwXmV4BZ6 पर जाकर फार्म भर सकते हैं।
- बुलटू के बोल : वेबिनार के दौरान शिक्षकों ने ऑडियो पाट की भी ब्लूटूथ के जरिए जानकारी दी। इसके लिए इंटरनेट की जरूरत नहीं है। यह फीचर फोन पर भी काम करता है। ऐसे में इस योजना को आदिवासी क्षेत्रों में किए जाने का विचार है। इसको लेकर भी जो शिक्षक स्वेच्छा से काम करना चाहते हों वे गूगल के लिंक http://forms.gle/qKGrFKUprDWtBzyCA पर जाकर जानकारी दे सकते हैं।
पढ़ई तुंहर दुआर के लिए नए विकल्पों पर भी होगा विचार
राज्य सरकार की ओर से बच्चों को पढ़ाने के लिए पढ़ई तुंहर दुआर कार्यक्रम चला रखा है। इसके माध्यम से स्कूली बच्चों को सरकार वेबसाइट और ऑनलाइन माध्यम से पढ़ा रही है। कई स्थानों पर मोबाइल की सुविधा नहीं होने से बच्चों की पढ़ाई में दिक्कत है। इसे देखते हुए ग्रामीण क्षेत्रों में पढ़ाई को लेकर नए-नए उपाय किए जा रहे हैं।