Home छत्तीसगढ़ मुख्यमंत्री से धमतरी की महिला समूहों ने की सौजन्य मुलाकात

मुख्यमंत्री से धमतरी की महिला समूहों ने की सौजन्य मुलाकात

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महिलाओं ने भेंट किए गोबर और बांस से बने उत्पाद: मुख्यमंत्री ने की प्रशंसा

रायपुर। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल से आज यहां उनके निवास कार्यालय में धमतरी जिले के ग्राम छाती के मल्टीयूटीलिटी सेंटर बिहान की महिला सदस्यों ने सिहावा विधायक श्रीमती डॉ. लक्ष्मी ध्रुव के नेतृत्व में सौजन्य मुलाकात की। इस अवसर पर समूह की सदस्यों ने मुख्यमंत्री बघेल को गोबर एवं बांस से बने उत्पाद भेंट किए और गोधन न्याय शुरू करने के लिए आभार व्यक्त किया। मुख्यमंत्री ने समूह द्वारा निर्मित उत्पादों की प्रशंसा की और उनके निरन्तर प्रगति के लिए बधाई एवं शुभकामनाएं दी। महिलाओं ने मुख्यमंत्री को छाती मल्टीयूटीलिटी सेंटर आने का न्यौता भी दिया।

मल्टीयूटिलिटी सेंटर छाती में महिलाएं बना रहीं हैं गोबर से गणेश की प्रतिमा, गमला, झूमर, बांस के ट्री-गॉर्ड

धमतरी जिले की छाती मल्टीयूटीलिटी सेंटर बिहान की सदस्यों ने बताया कि वहां लगभग 15 स्व-सहायता समूह की 165 महिलायें कार्यरत हैं। स्वावलंबी स्व-सहायता समूह की सदस्य एवं बोरसी जनपद सदस्य श्रीमती दुर्गेश नन्दिनी साहू ने बताया कि उनका यह समूह गत 3 वर्षों से कार्यरत है। उनका समूह गोबर से गणेश की प्रतिमा, गमला, झूमर, एवं अन्य गौ उत्पाद बनाता है। समूह की महिलाओं ने बताया कि छाती मल्टीयूटीलिटी सेंटर का शुभारंभ एक वर्ष पूर्व हुआ था और अब सेंटर में 165 महिलाएं जुड़ी कार्यरत हैं। इस सेंटर में बाँस से ट्री गॉर्ड निर्माण का कार्य भी स्व सहायता समूह की महिलाओं के द्वारा किया जा रहा है। प्रति नग ट्री गॉर्ड के निर्माण से एक महिला को 100 रुपये की आमदनी होती है और एक महिला प्रतिदिन 3 से 4 ट्री गॉर्ड का निर्माण करती है। समूह से जुड़ी महिलाओं को इसके अलावा उत्पादन से प्राप्त मुनाफे में भी लाभांश मिलता है, जिससे उनके जीवन स्तर में सुधार आया है और अब वे अपने परिवार की मूलभूत सुविधाओं की पूर्ति में सक्षम हो पाई हैं।

गोधन न्याय योजना शुरू करने के लिए जताया आभार

ज्ञानदीप स्व-सहायता समूह की सदस्य श्रीमती लक्ष्मी चंद्राकर और श्रीमती कमला बाई ने बताया कि उनका समूह गोबर से राखी, गणेश, गमला और बाँस से पेपरवेट, चूड़ी-कंगन तथा महिलाओं के लिये सौन्दर्य प्रसाधन बनाता है। उन्होंने बताया कि अब तक लगभग 12 हजार 5 सौ राखी के विक्रय से समूह को 5 लाख 50 हजार रुपये का आय प्राप्त हुआ है। उन्होंने बताया कि गोबर से निर्मित इन राखियों में जामुन, टमाटर एवं फलों के बीज डाले गए हैं, जिन्हें गमलों में रोपा जा सकता है। समूह के द्वारा ‘ओज’ नामक ब्राण्ड से लगभग 16 एकड़ क्षेत्र में ग्रीन टी का भी उत्पादन किया जा रहा है। इस ग्रीन टी में लेमन ग्रास, तुलसी, अदरक, लौंग और गिलोय का सम्मिश्रण है। जो कोरोना महामारी के इस काल में इम्युनिटी बढ़ाने में सहायक है।