नई दिल्ली। कांग्रेस पार्टी की तरफ से रणदीप सुरजेवाला जैसे नेता भले ही सचिन पायलट को अब भी मनाने की कोशिश में जुटे हों, लेकिन ऐसा लगता है कि राहुल गांधी ने पायलट को अपने दिलो-दिमाग से निकाल दिया है। राहुल गांधी का ताजा बयान इस ओर साफ इशारा कर रहा है। उन्होंने कांग्रेस की छात्र इकाई नैशनल स्टूडेंट्स यूनियन आॅफ इंडिया की मीटिंग में जो बात कही, वो राजस्थान के ताजा घटनाक्रम को मद्देनजर बेहद महत्वपूर्ण है। राहुल ने कहा, ‘अगर कोई पार्टी छोड़ना चाहता है तो छोड़ेगा। इससे (किसी के पार्टी छोड़ने से) आप जैसे युवा नेताओं के लिए दरवाजा खुलता है।’
राहुल ने क्यों कहा ऐसा?
कहा जा रहा है कि राहुल गांधी ने पायलट को बगावत से रोकने के लिए उनसे खुद बात की थी। पार्टी आलाकमान की तरफ से राजस्थान में पैदा हुए राजनीतिक संकट को संभालने के लिए जयपुर भेजे गए प्रतिनिधिमंडल में शामिल रणदीप सुरजेवाला ने इसकी जानकारी मीडिया को भी दी। उन्होंने कहा, ‘पिछले पांच दिनों से सोनिया गांधी और राहुल गांधी के साथ-साथ सारे कांग्रेस नेतृत्व ने सारे दरवाजे खोलकर उदार हृदय से कहा कि घर का व्यक्ति अगर घर से भूलकर बाहर चला जाए तो वह परिवार का सदस्य रहता है, आप वापस चले आइए। कांग्रेस के शीर्ष नेतृत्व ने आधा दर्जन बार, कांग्रेस कार्यसमिति को दो-दो सदस्यों ने एक दर्जन बार और पार्टी के संगठन महासचिव केसी वेणुगोपाल ने एक से अधिक बार उन्हें यह भी कहा कि न केवल वापस आकर अपना पक्ष और अपनी बात रखिए।’
राहुल के बयान में निराशा
कांग्रेस की तरफ से मोर्चा संभाले हर व्यक्ति को पायलट से निराशा ही हाथ लगी। खबरें यहां तक आईं कि जब किसी से बात नहीं बनी तो कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी ने भी मोर्चा संभाल लिया और पायलट से फोन पर बात की। लेकिन, पायलट ने उनकी भी एक न सुनी। स्वाभाविक है शीर्ष नेतृत्व की बार-बार की गुहार का पायलट के बगावती तेवर पर कोई असर नहीं पड़ने से कांग्रेस में नाउम्मीदी और निराशा गहरा गई और मंगलवार को उसने पायलट एवं उनके समर्थकों के खिलाफ कड़ा ऐक्शन ले लिया। स्वाभाविक है कि इस ऐक्शन को राहुल गांधी की भी हरी झंडी जरूर मिली होगी। यानी, राहुल को पायलट से अब कोई उम्मीद नहीं बची है जो अब उनके बयानों से झलकने लगा है।